नवीन चौहान
जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में समिति के सम्बंधित विभागीय अधिकारी एएसपी मंजूनाथ टीसी, एआरटीओ प्रशासन तथा प्रवर्तन समिति के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला मुख्यालय में आयोजित बैठक में डीएम दीपेंद्र चौधरी ने सार्वजनिक सेवायान से दुर्घटना की स्थिति में उत्तराखण्ड दुर्घटना राहत निधि से वितरित मुआवजा धनराशि के प्रकरणों की समीक्षा की। एआरटीओ ने बताया कि मार्च 2019 तक के सभी चैक तहसीलों के माध्यम से वितरित कर दिये गये हैं। इस वर्ष के लिए बजट की मांग शासन से की जा चुकी है जो शीघ्र ही प्राप्त होगा। डीएम ने सड़क दुर्घटनाओं के प्रति सड़क निर्माण विभागों पुलिस तथा यातायात विभाग को संवेदनशीलता से निर्णय लें। किसी भी एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर पूरा परिवार प्रभावित होता है। विभाग इसे नैतिक और मानवीय दृष्टिकोण से देंखे। विशेष रूप से इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी जोकि सड़क निर्माण के कार्य करते हैं। यदि कोई एक एजेंसी मार्ग बनाते समय दूसरे विभाग द्वार छोड़ी गयी खामी को उसकी गलती समझ न छोड़े और वह उस मार्ग में हुई कमी को अपना मार्ग बनाते समय मानवता के आधार पर सुधार कर ले तो कई जीवन सुरक्षित किये जा सकते है। एक दूसरे का कार्य न समझते हुए इसे जनहित का कार्य अपने स्तर पर टाल मटोल की स्थिति से बंचे।
जनपद में सड़क दुर्घटनाओं के संभावित क्षेत्रों ब्लैक स्पॉट का चिन्हिकरण एवं उनका निवारण किस प्रकार किया गया इसकी भी जानकरी डीएम ने ली। जनपद में कुल 30 स्थानों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। सभी का निरीक्षण समिति द्वारा किया जा चुका है तथा जरूरी दिशा निर्देश दिये गये थे। इन स्थानों पर कुछ जगह अभी सुरक्षा कार्य होना शेष है। एनएच 74 पर प्राथमिक सुरक्षा उपाय कर लिये जाने के कारण ब्लैक स्पॉट पर एक्सीडेंट बंद हो जाने के कारण इसको बाहर किया गया है।
जनपद की सड़कों पर क्रैश बैरियर सूचना संकेत बोर्ड ट्रैफिक कॉमिंग के कार्यो की भी समीक्षा की। डीएम ने सड़क और यातायात के नियमों तथा दुर्घटना की स्थिति में पुलिस तथा प्रशासन की ओर से किये जाने वाले राहत कार्यो की सूचनाओं और जानकारियों का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने के निर्देश एआरटीओ व पुलिस को दिये।
जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में समिति के सम्बंधित विभागीय अधिकारी एएसपी मंजूनाथ टीसी, एआरटीओ प्रशासन तथा प्रवर्तन समिति के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला मुख्यालय में आयोजित बैठक में डीएम दीपेंद्र चौधरी ने सार्वजनिक सेवायान से दुर्घटना की स्थिति में उत्तराखण्ड दुर्घटना राहत निधि से वितरित मुआवजा धनराशि के प्रकरणों की समीक्षा की। एआरटीओ ने बताया कि मार्च 2019 तक के सभी चैक तहसीलों के माध्यम से वितरित कर दिये गये हैं। इस वर्ष के लिए बजट की मांग शासन से की जा चुकी है जो शीघ्र ही प्राप्त होगा। डीएम ने सड़क दुर्घटनाओं के प्रति सड़क निर्माण विभागों पुलिस तथा यातायात विभाग को संवेदनशीलता से निर्णय लें। किसी भी एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर पूरा परिवार प्रभावित होता है। विभाग इसे नैतिक और मानवीय दृष्टिकोण से देंखे। विशेष रूप से इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी जोकि सड़क निर्माण के कार्य करते हैं। यदि कोई एक एजेंसी मार्ग बनाते समय दूसरे विभाग द्वार छोड़ी गयी खामी को उसकी गलती समझ न छोड़े और वह उस मार्ग में हुई कमी को अपना मार्ग बनाते समय मानवता के आधार पर सुधार कर ले तो कई जीवन सुरक्षित किये जा सकते है। एक दूसरे का कार्य न समझते हुए इसे जनहित का कार्य अपने स्तर पर टाल मटोल की स्थिति से बंचे।
जनपद में सड़क दुर्घटनाओं के संभावित क्षेत्रों ब्लैक स्पॉट का चिन्हिकरण एवं उनका निवारण किस प्रकार किया गया इसकी भी जानकरी डीएम ने ली। जनपद में कुल 30 स्थानों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। सभी का निरीक्षण समिति द्वारा किया जा चुका है तथा जरूरी दिशा निर्देश दिये गये थे। इन स्थानों पर कुछ जगह अभी सुरक्षा कार्य होना शेष है। एनएच 74 पर प्राथमिक सुरक्षा उपाय कर लिये जाने के कारण ब्लैक स्पॉट पर एक्सीडेंट बंद हो जाने के कारण इसको बाहर किया गया है।
जनपद की सड़कों पर क्रैश बैरियर सूचना संकेत बोर्ड ट्रैफिक कॉमिंग के कार्यो की भी समीक्षा की। डीएम ने सड़क और यातायात के नियमों तथा दुर्घटना की स्थिति में पुलिस तथा प्रशासन की ओर से किये जाने वाले राहत कार्यो की सूचनाओं और जानकारियों का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने के निर्देश एआरटीओ व पुलिस को दिये।