डॉ धन सिंह रावत ने किया डॉ भट्ट की पुस्तक “समग्र योग महाविज्ञान” का विमोचन




नवीन चौहान.
योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष एवं स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ नवीन चन्द्र भट्ट एवं विश्वजीत वर्मा द्वारा लिखित पुस्तक “समग्र योग महाविज्ञान” का विमोचन देहरादून में एक कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी व चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने संयुक्त रूप से किया।

पुस्तक के लेखक डॉ भट्ट ने समग्र योग महाविज्ञान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि योग भारतीय सांस्कृतिक विरासत है जिसे हमारे युगद्रष्टा ऋषि मुनियों ने भविष्य हेतु उपयोगी जानकर गुरु-शिष्य परम्परा द्वारा इसे जीवित रखा तथा जिसके विभिन्न पहलुओं के वैज्ञानिक अध्ययन के उपरांत आज संपूर्ण विश्व योग को “सर्वजनहिताय-सर्वजनसुखाय” मान रहा है। योग के इसी महत्व को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा भी उच्च शिक्षा में योग को सम्मिलित किया गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न संस्थानों द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र एवं पीएच-डी पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त यूजीसी द्वारा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा एवं जूनियर रिसर्च फेलोशिप परीक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। प्रस्तुत पुस्तक को विभिन्न संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा विशेषतः यूजीसी नेट जेआरएफ के पाठ्यक्रम एवं परीक्षा पैटर्न के कई वर्षों के गहन अध्ययन एवं प्रश्न पत्रों के गहन विश्लेषण के उपरांत लिखा गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि डॉ भट्ट की यह पुस्तक योग के क्षेत्र में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ ही आमजनमानस व योग जिज्ञासुओं के लिए भी मार्गदर्शक होगी। योग के विस्तृत पाठ्यक्रम को एक पुस्तक में समाहित कर गागर में सागर भरने का कार्य किया गया है, जिससे कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को कम खर्च में अध्ययन की सुविधा प्राप्त हो सके।रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने कहा कि योग को वर्तमान समय में जीवन पद्धति के रूप में अपनाने की आवश्यकता है, डॉ भट्ट द्वारा लिखित इस पुस्तक की भाषा शैली सहज व सरल है जो कि प्रत्येक पाठक को योग को समझने में सहजता प्रदान करती है। चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि समग्र योग महाविज्ञान पुस्तक योग विषय से यूजीसी नेट जेआरएफ तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी।



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