हरिद्वार का हो विकास तो संसद में खूब गरजे निशंक




-उत्तराखंड के पांचों सांसदों की तुलना में निशंक पहले नंबर पर, उठाए 640 सवाल
-16वीं लोकसभा में डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने बनाया एक रिकार्ड
नवीन चौहान
हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का विकास करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक 16वीं लोकसभा में खूब गरजे। उन्होंने लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए लोकसभा में प्रश्नों की झड़ी लगा दी। उत्तराखंड के अन्य चार सांसदों को पछाड़ते हुए हरिद्वार सांसद निशंक ने 640 से अधिक प्रश्न लोकसभा में उठाए। जबकि पांच सालों के भीतर मंत्रीगणों के करीब पांच हजार आश्वासनों को पूरा कराया।
पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ने अपने पांच साल के कार्यकाल में मुखरता के साथ हरिद्वार लोकसभा की समस्याओं को संसद में उठाया। इन पांच सालों में बड़े ही आक्रामक मोड में रहे निशंक ने लोकसभा के भीतर अपनी सर्वाधिक उपस्थिति भी दर्ज कराई। अगर सांसद निशंक के पांच सालों के कार्यो का अवलोकन किया जाए तो उन्होंने हरिद्वार के चहुंमुखी विकास में अपना सौं फीसदी देन का पूरा प्रयास किया। हरिद्वार लोकसभा के इतिहास की बात करें तो हरिद्वार के पूर्व सांसदों की तुलना में वर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक सबसे ज्यादा सक्रिय दिखाई पड़े। क्षेत्र की जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को सुनना और दूर करने के लिए प्रयास रहना उसकी कार्यशैली में रहा। गौरतलब है कि निशंक ने साल 2014 में हरिद्वार लोकसभा सीट करीब पौने लाख मतों से जीत दर्ज की। लोकसभा सीट जीतना निशंक के लिए एक उपलब्धि हो सकती है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती तो हरिद्वार वासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की थी। जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भी निशंक ने पूरी लगन दिखाई। इस बात का अंदाजा उनके पांच साल के लोकसभा प्रदर्शन को देखकर लगाया जा सकता है।
16वीं लोकसभा में निशंक का प्रदर्शन
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के लोकसभा प्रदर्शन की बात करते है। तो आपको बतादे कि उत्तराखंड एवं सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 16वीं लोकसभा में किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते उनके नाम रिकार्ड दर्ज हुआ है। डॉ निशंक की अध्यक्षता में सरकारी आश्वासन समिति ने 101 रिपोर्ट अर्थात प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। जो कि स्वाधीन भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है।
बताते चले कि डॉ निशंक अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष है। जो कि लोकसभा के मंत्रीगणों द्वारा दिए गए आश्वासनों के संबंध में क्रियान्वयन की निगरानी करती है। उक्त समिति यह सुनिश्चित करती है कि आम जनता तक सरकार की जनहितकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पहुंचाया जाए। इस समिति के रूप में निशंक ने एक नई कार्य संस्कृति को जन्म दिया। इस समिति के अध्यक्ष के तौर पर निशंक की कार्यकुशलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच सालों में पांच हजार आश्वासनों को पूरा किया जा सका। वही नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में याचिका समिति ने 67 और पौड़ी सांसद मेजर भुवन चंद्र खंडूरी के नेतृत्व में 50 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए। कुल मिलाकर कहा जाए तो निशंक की लोकसभा में 640 से अधिक प्रस्तुतियां रही। इनमें क्षेत्र की समस्याओं को लेकर 377, शून्य काल,बिल पर चर्चा, प्राइवेट मेंबी बिल और 389 प्रश्न शामिल है। जहां तक पूरक प्रश्नों का सवाल है तो निशंक ने 50 से अधिक प्रश्न लोकसभा में पूछे है। अगर उत्तराखंड के अन्य चार सांसदों की तुलना में सर्वाधिक प्रश्न उठाने का रिकार्ड भी निशंक के नाम ही रहा।
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने पांच सालों के भीतर अपने आप को एक सक्रिय सांसद के रूप में स्थापित किया। उन्होंने हरिद्वार का विकास करने के साथ ही गरीब लोगों को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने में भी पूरी रूचि दिखाई। इसके अलावा हरिद्वार में रिंग रोड़ और उत्तराखंड की आलवेदर रोड़ का श्रेय भी निशंक के खाते में जाता है। एक सांसद के तौर पर निशंक लोगों की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरे उतरते हुए दिखाई पड़़े। वही निशंक के गोद लिए हुए गांवों भी सुविधा संपन्न नजर आ रहे है।



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