एक्सक्लूसिवः मंत्री के हस्तक्षेप और आरोपों से आहत मेयर अनीता शर्मा का हो सकता है इस्तीफा ?




जोगेंद्र मावी
हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा इस्तीफा दे सकती है। वे मंत्री के द्वारा नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेत्र करने और बिना किसी आधार के भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से बेहद आहत है। मेयर के पति अशोक शर्मा ने सोशल पेज पर पूरी व्यथा लिखकर अपना दुख दर्द व्यक्त किया है। उनका कहना है कि कूड़े फैलाकर मेयर को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। इससे आहत होकर लिखा है कि जनता के हित के लिए महापौर का पद त्यागा भी जा सकता है। समझदार हो तो महिला के सम्मान से मत खेलो।
मेयर अनीता शर्मा को कार्यभार संभाले हुए दो साल एक महीने का समय हो गया है। तभी से मंत्री और मेयर आमने-सामने हैं। मेयर का आरोप लगातार रहा है कि उन्हें मंत्री काम नहीं करने दे रहे हैं, जो भी बजट आया उसे अन्य संस्था को दे दिया। लगातार मांगने के बाद भी नगर निगम को एक इंजीनियर तक नहीं दिया गया। जबकि भाजपा के पार्षद लगातार मेयर अनीता शर्मा के पति अशोक शर्मा पर निशाना साधते रहे। केआरएल से कमीशन लेने, कभी लाइट खरीद में घोटाला करने जैसे आरोप लगातार लगाते रहे हैं। अब हाल में भाजपा के नेताओं और पार्षदों ने जगह-जगह कूड़े के ढेर दिखाने शुरू कर दिए। इन सभी से आहत होकर मेयर पति अशोक शर्मा ने महापौर के इस्तीफा देने का संकेत दिया है।
अशोक शर्मा ने लिखा है कि हर बात का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। सम्मानित कांग्रेसी व आदरणीय जनता रहे बड़े संघर्ष के लिए तैयार। जनता के लिए हर लड़ाई व कुर्बानी को तैयार। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी वरना हरिद्वार छोड़ना होगा। अधिकारियों ने हरिद्वार को समझ रखा है ऐशगाह। जय हरिद्वार जय जनता जनार्दन।
अशोक शर्मा ने लिखा है कि हरिद्वार का एक मंत्री शहर को लगातार खा रहा है। उसके चेले चमचे शहर को लूट रहे हैं। अवैध धंधों में लिप्त हैं। जो नामी चोर टुच्चे हम पर घपले घोटाले के आरोप लगा रहे हैं। सरकार उनकी है ,यदि उन्हें अपनी बात पर विश्वास है तो अपने बाप की किसी एजेंसी से जाँच करा ले और हमें तिहाड़ जेल भेज दें। आदरणीय जनता सब जानती है। आने वाले समय गुंडों चोरो डकैतों का हरिद्वार से बिस्तरा बंधना तय है।
एक बात याद रखना यहां कोई डरने वाला नहीं है। हम गीदड़ों की फौज इकट्ठी करके नहीं चलते। हमारे साथ हमारी सच्चाई, ईमानदारी, व पूजनीय जनता है। जनता ने महापौर की गद्दी सौंपी थी। जनता के हित के लिए महापौर का पद त्यागा भी जा सकता है। समझदार हो तो महिला के सम्मान से मत खेलो।
जय मां गंगे। जय भारत। जय जवान जय किसान। जय कांग्रेस।

हरिद्वार की मेयर अनीता शर्मा अपने पति अशोक शर्मा के साथ शहर की सफाई कराते हुए

इससे पहली पोस्ट में लिखा है कि ...
शिव जी की नगरी में महापौर जी को बदनाम करने के लिए कूड़े जैसी चीज पर भी हो रही है गन्दी राजनीति।
जहां महापौर जी लगातार क्षेत्र में घूम घूमकर निरीक्षण कर रहीं हैं, वहीं अधीनस्थ अधिकारी क्षेत्र में निरीक्षण के बजाए बैठकों व दफ्तरों में व्यस्त।
जनता के फोन सुनने में अधिकारी समझते हैं बेइज्जती। डबल इंजन की सरकार में भी संसाधनों के अभाव का रोना रो रहे हैं अधिकारी। डबल इंजन नाम बड़ा दर्शन छोटे। लगता है किसी शक्तिशाली व्यक्ति के निर्देशानुसार अधिकारियों के बंधे हैं हाथ। जहां एक और महापौर श्रीमती अनिता शर्मा जी अपनी जेब से कर्मचारी लगाकर सफाई के कार्य कराती रहती हैं वहीं अधिकारी महापौर जी के बार बार निर्देशों के बाद सफाई के प्रति गम्भीरता नहीं दिखाते हैं। इसीलिए स्थिति में नहीं हो रहा है सुधार ,यदि 24 घेंट में शहर से कूड़ा नहीं उठा तो पूर्व की भांति अपने संसाधन लगाकर महापौर उठवाएंगी कूड़ा। फिर कोई भाजपाई बीच में आकर यह ना कहे कि आप अपने निजी संसाधनों से कूड़ा क्यों उठवा रही हैं।
संसाधन निजी होंगे तो उन पर पूर्व की भांति निजी वाहन अनिता शर्मा के बोर्ड भी लगे होंगे। जनता सब देख व समझ रही है हरिद्वार की बेटी महापौर हरिद्वार अनिता शर्मा को बदनाम करने के लिए एक व्यक्ति के इशारे पर जनता को दुर्गंध में सड़ने को किया जा रहा मजबूर।
हर बात का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। सम्मानित कांग्रेसी व आदरणीय जनता रहे बड़े संघर्ष के लिए तैयार। जनता के लिए हर लड़ाई व कुर्बानी को तैयार। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी वरना हरिद्वार छोड़ना होगा। अधिकारियों ने हरिद्वार को समझ रखा है ऐशगाह।
जय हरिद्वार जय जनता जनार्दन।

यह है मेयर पति अशोक शर्मा की पोस्ट


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