प्राचीन त्रिजुगीनारायण मंदिर परिसर में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुष्प माला पहनाकर स्वागत




नवीन चौहान.
एक ओर जहां केदारनाथ धाम में कुछ पंडा पुरोहित समाज के लोगों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का जहां विरोध किया उन्हें दर्शन से रोका वहीं सोनप्रयाग के निकट प्राचीन त्रिजुगीनारायण मंदिर परिसर में पुजारी और उनके परिजनों ने उनका पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया।

सोनप्रयाग के निकट प्राचीन त्रिजुगीनारायण मंदिर में शिव पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। प्राचीन काल से अखंड धुनी जलती रहती है। इसका शिल्प भी केदारनाथ जी की ही तरह कत्यूरी शैली का ही है। मंदिर के निकट ही गांव है जिसमें 250 के लगभग ग्रामीण लोग रहते हैं।

देवस्थानम बोर्ड में त्रिजुगीनारायण मंदिर को सम्मिलित किये जाने से मंदिर के समस्त पुजारी एवं उनके परिजन बहुत ही प्रसन्न हैं। आज मंदिर परिसर में पहुँचने पर समस्त ग्रामजनों ने भव्य स्वागत किया। ग्राम प्रधान प्रियंका तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता आशीष गैरोला आदि ने पुष्पमालाएं पहनाईं।

मार्ग से गुजरते समय लगभग 200 पुरुष, महिला, बच्चों ने मिलकर पुष्प वर्षा की। सभी का कहना था, देवस्थानम बोर्ड की स्थापना त्रिवेंद्र सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय साबित होगा, जिससे चारधामों के साथ साथ अन्य 45 से अधिक बड़े छोटे दूरस्थ प्राचीन मंदिरों को बहुत लाभ होगा। सभी ने यह भी कहा, आज जो धृष्टता केदारनाथ के पंडा, पुजारियों ने की है उसका एक दिन उन्हें अवश्य पछतावा होगा।

मंदिर परिसर में मुख्य पुजारी सूरज मोहन सेमवाल एवं अन्य पुजारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पुष्पमाला पहनाई। पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कराई। सेमवाल जी एवं ग्रामीणों का कहना था कि देवस्थानम बोर्ड में जुड़ने से मंदिर में तीर्थयात्रियों की संख्या बहुत बढ़ेगी। इससे पूरे गाँव की आय बढ़ेगी। मंदिर एवं गांव में अनेक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी जिससे यात्रियों को भी लाभ होगा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *