मेरठ। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा फसलों की नई प्रजातियों के विकास, नवीन शोध कार्यों के संचालन, विविध अग्रणी शैक्षिक संस्थाओं से अनुबंध करके शोध कार्यों के प्रचार-प्रसार, अपने विद्यार्थियों को बेहतर रोजगारों में चयन और इस दिशा में नवीन सम्भावनाओं के विकास, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि बदलती परिस्थियों में भविष्य की चुनौतियों के लिए पहले से ही कार्य-प्रबन्ध करना चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने कृषि कार्य में पानी के उपयोग और पानी की समस्या पर भी चर्चा की और भूजल संरक्षण की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताया।
कृषि विश्वविद्यालय की उद्देश्यपरक शिक्षा पर चर्चा करते हुए राज्यपाल महोदया ने कहा कि विश्वविद्यालय को कृषि स्नातकों को प्रायोगिक कृषि शिक्षा में दक्ष बनाना चाहिए, जिससे वे किसानों की आय बढ़ाने में अपना सार्थक योगदान दे सकें। विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाने हेतु शिक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से कृषि सुरक्षा और विपरीत जलवायु परिस्थितियों से मुकाबला कर सकने वाली फसल की किस्मों के विकास पर जोर दिया।
उन्होंने कृषि में उर्वरकों का सही प्रयोग, जैविक तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, कृषि भंडारण, कृषि उत्पादकों के प्रसंस्करण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकताओं पर भी चर्चा की। इसी क्रम में उन्होंने कृषि कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आत्मनिर्भता बढ़ाने, विविध लघु, गृह उद्योगों, पशु पालन, छोटे स्तर पर घरेलु पोषण वाटिका के उत्पाद बनाने की दिशा में उन्हें जानकारी देने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा प्रभावी कार्य करने को कहा।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को आगामी जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले नए छात्र-छात्राओ से अपेक्षा की कि वे इस उत्कृष्ठ शैक्षिक संस्थान से प्राप्त ज्ञान और कौशल का उपयोग देश और समाज के हित में करेंगे।