BM DAV में महात्मा हंसराज जी के जन्म स्मृति पर्व पर वेद व्याख्यान एवं भजन संध्या का भव्य आयोजन




नवीन चौहान
महर्षि दयानंद की तपोभूमि एवं कर्मस्थली वैदिक मोहन आश्रम भूपतवाला, हरिद्वार में पाखंड खंडनी पताका के तले महात्मा हंसराज जी के 159 में जन्म स्मृति दिवस पूर्व संध्या पर संगतिकरणम् वेद-व्याख्यान एवं भजन संध्या का एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम देवयज्ञ से हुआ। जिसमें डीएवी प्रबंधकर्तृ समिति के प्रधान पद्मश्री अलंकृत आर्यरत्न डॉ.पूनम सूरी जी के नेतृत्व में बीएम डीएवी विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों ने हवन यज्ञ का आयोजन किया।यज्ञ में छात्रों ने सामूहिक वैदिक मंत्रोचरण से यज्ञ प्रार्थना से सभी अतिथियों का मन मोह लिया। प्रधान डॉ पूनम सूरी जी ने पुष्प वर्षा कर यज्ञ शाला में उपस्थित सभी आगंतुकों को आशीर्वाद दिया।

इसके पश्चात “संगतिकरणम्”नामक विशेष कार्यक्रम का आरंभ हुआ सर्वप्रथम मंत्रोच्चारण एवं दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ अतिथि एवं विद्वान जनों के स्वागत के पश्चात कार्यक्रम में विशिष्ट गरिमामयी अध्यक्ष डॉ पूनम सूरी जी का अभिनंदन वैदिक मोहन आश्रम के सचिव डॉ.वी सिंह ने किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के ऊर्जावान मंत्री डॉ.विनय आर्य रहे। विनय आर्य ने आर्य समाज के विराट स्वरूप को बहुत ही सुंदर और विस्तृत रूप से ऐतिहासिक रूप से प्रस्तुत किया और आर्य समाज के व्यापक स्वरूप से आर्य समाज के विभिन्न गतिविधियों से सबको परिचित करवाया। सर्वप्रथम कुलदीप आर्य ने भजनों की स्वर्धवनी से सब का मन मुग्ध कर दिया।

आर्य जगत के उद्भट् विद्वान अंतर्राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आदरणीय डॉ. वागीश जी का सारगर्भित व्याख्यान संपन्न हुआ, जिसमें उन्होंने सरलता से संगतिकरणम् की व्याख्या सबको समझाई, और कहा कि संगतिकरणम् का अर्थ है जहां जाकर के सब लोगों की गति ठीक हो जाती है और ठीक गति से ही प्रगति हो सकती है, समभाव के साथ संगठन के साथ मिलकर के हम श्रेष्ठ कार्य को जब संपन्न करते हैं, तो वह कार्य सबके लिए अनुकरणीय हो जाते हैं।

श्रद्धेय अध्यक्ष जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का अभिनंदन कर उन्हें पाखंड खंडनी पताका का स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया। वैदिक मोहन आश्रम की प्रबन्धिका डॉ अल्पना शर्मा ने सभी आगंतुक अतिथियों विद्वज्जनों का वाचिक स्वागत किया।

इस आयोजन में देश के विभिन्न डीएवी विद्यालयों से शिक्षक-शिक्षिका एवं प्रधानाचार्य गण पधारे हुए थे। कार्यक्रम बहुत ऊर्जा के साथ और विश्वास के साथ, नवनवीन संकल्पों के साथ संपन्नता की ओर आगे बढ़ा और बाद में वैदिक मोहन आश्रम के अधीनस्थ संचालित बीएम डीएवी विद्यालय की प्रधानाचार्या जी ने उन्मुक्त भाव से सभी आगंतुक अतिथियों का सभी प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों शिक्षिकाओं, छात्र छात्राओं का आभार प्रकट किया। शांति पाठ के साथ यह विशेष कार्यक्रम संपन्न हुआ।

प्रधानाचार्य लीना भाटिया ने बीएम डीएवी को दी नई पहचान
बीएम डीएवी स्कूल उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी में वैदिक मोहन आश्रम में संचालित है। डीएवी प्रबंधकर्तृ समिति के तत्वाधान में गतिमान बीएम डीएवी स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। हरिद्वार के बच्चों को वैदिक ज्ञान, भारतीय संस्कृति, संस्कार और परम्परओं से जोड़कर शिक्षित करने में महती भूमिका अदा कर रहा है।

स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ लीना भाटिया शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रही है। तथा डीएवी प्रबंधकर्तृ समिति के प्रधान पद्मश्री डॉ.पूनम सूरी जी की अपेक्षाओं के अनुरूप बीएम डीएवी स्कूल को सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में शुमार करने के लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम कर रही है। तथा बच्चों को श्रेष्ठ बनाने में जुटी है। वही बीएम डीएवी स्कूल में आयोजित भव्य कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने में सबसे बड़ी भूमिका एआरओ और बीएमडीएवी स्कूल की मैनेजर डॉ अल्पना शर्मा ने निभाई। उनके दिशा निर्देशन में कार्य करते हुए प्रधानाचार्य लीना भाटिया ने सभी व्यवस्थाओं और सांस्कृतिक आयोजन की तैयारियां पूर्ण की। जिसके चलते बीएम डीएवी स्कूल के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं और स्टॉफ पूरे मनोभाव से कार्यक्रम को सकुशल बनाने में जुटा रहा।



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