हमारी संस्कृति और सभ्यता की जननी है मां गंगा : डॉ बत्रा




सोनी चौहान

गंगोत्री धाम से पशुपतिनाथ नेपाल के लिए निकली कलश यात्रा हरिद्वार में एक दिन विश्राम के बाद बुधवार को नेपाल के लिए रवाना हो गई। गंगोत्री धाम से लाए गए पवित्र जल को पशुपतिनाथ नेपाल में भगवान भोलेनाथ को अर्पित किया जाएगा। आज नेपाल हेतु कलश यात्रा रवाना होने से पहले पवित्र अमृत कलश का पूजन किया गया। सामाजिक संस्थाओं से जुड़े नागरिकों ने अमृत कलश पर पुष्प अर्पित किए।
इस अवसर पर गंगोत्री धाम के रावल महाराज शिव प्रकाश सेमवाल ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच हमेशा से ही रोटी एवं बेटी का संबंध रहा है। यह कलश यात्रा विश्व के कल्याण के साथ-साथ भारत तक भारत एवं नेपाल के मध्य मैत्री संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए परंपरागत रूप से निकाली जाती है। शास्त्रों में वर्णित है की गंगाजल को शिवालय में अर्पित करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
इस अवसर पर अवसर पर वरिष्ठ शिक्षा विद प्रो डॉ सुनील कुमार बत्रा ने बताया की गंगा विश्व की प्रसिद्ध पवित्र नदी है। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। गंगोत्री धाम का जल वहां अर्पित करना हमारी सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहरों का समन्वय है जो हमारी मनोकामना ओं को पूर्ण करने वाला पवित्र अवसर हैं।


डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष गंगोत्री धाम से कलश यात्रा पशुपतिनाथ नेपाल के लिए रवाना होती है। डॉ बत्रा ने बताया इस पवित्र यात्रा के पड़ाव से जुड़ने का सौभाग्य उनको भी प्राप्त हुआ है। इससे मेरे व मेरे परिवार के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाना आज की पहली महती आवश्यकता है। इस कलश यात्रा से मां गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने का संदेश भी समाज को मिल रहा है।
इस अवसर पर प्रसिद्ध पत्रकार अनन्त मित्तल ने कहा कि गंगा हमारी संस्कृति और सभ्यता की जननी है इसलिए इसे मां का पवित्रतम दर्जा प्राप्त है। गंगोत्री धाम मां गंगा का उद्गम स्थल है आज गंगोत्री से लाए गए कलश को स्पर्श करने मात्र से ही गंगोत्री धाम के दर्शन की अनुभूति प्राप्त होती है
अशोक कुमार शर्मा ने कहा की कुंभ को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है जिसका मूल तत्व गंगा और उसमें स्नान की परंपरा है। गंगा ने हमेशा समाज को जोड़ने का कार्य किया है और एकता व भाईचारे का संदेश दिया है।


डॉ विशाल गर्ग, वैभव बत्रा एवं उज्जवल बत्रा ने कलश को सिर पर रख कर पवित्र कलश यात्रा में शिरकत की। उन्होंने कहा कि यह कलश यात्रा अपने आप में अनूठी यात्रा है। जिस प्रकार कावड़ यात्रा में करोड़ों शिव भक्त गंगाजल को शिवालयों में अर्पित करते हैं उसी प्रकार गंगोत्री धाम से लाया गया है जल पशुपतिनाथ नेपाल को अर्पित करना देश एवं समाज के कल्याण की भावना की और प्रतिष्ठित करता है।
इस अवसर पर संजय बत्रा, उज्जवल बत्रा, रचना शर्मा, वैभव बत्रा, अंकित अग्रवाल, दिनेश राणा, मयंक शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, देवपाल राणा, विक्रम गुलाटी, उमा गुलाटी, कमल मल, ललित नैयर, अभिषेक भार्गव, नेहा बत्रा, पूजा उपाध्याय, सीमा, डॉ अजय पाठक शिखा गुलाटी, नरेश रानी गर्ग, हेमा भण्डारी, पत्रकार अनंत मित्तल , स्वीटी मल्होत्रा नीलम ,आनंद बल्लभ जोशी, आशीष झा, कुणाल धवन, अनन्या पांडे, विमला, संध्या अग्रवाल, सेजल राणा, अनीता, आरती नैयर, अंजू मल, कपिल गर्ग, मनीषा गुप्ता, राजकुमार शर्मा, अर्पिता भार्गव, स्वाति भार्गव, हिमानी, मोना शर्मा, अंकित मोगा, मोहन चंद पांडे, डॉ मनमोहन गुप्ता, सुषमा सेठी, इंदिरा बत्रा, दृष्टि, इंदिरा शर्मा, राधा अग्रवाल, सुनीता, संदीप खन्ना, अनीता गर्ग, लव शर्मा, शिवांग अग्रवाल, एकता गुप्ता पार्षद, मयंक गुप्ता,अम्बरीश गिरी एवं अनिल सती आदि उपस्थित रहे।



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