News 127 के कवि सम्मेलन में कवियों की सजी महफिल तो श्रोता भी बोल उठे वाह-वाह क्या बात है




नवीन चौहान.
देश के जाने माने कवि जब एक मंच पर जुटे तो श्रोताओं ने भी उनका जोरदार अभिवादन और स्वागत किया। कवियों को ये मंच प्रदान किया आपके लोकप्रिय मीडिया ग्रुप न्यूज127 ने। हरिद्वार के डीपीएस रानीपुर में आयोजित इस कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से जहां एक और हंसने के लिए मजबूर कर दिया वहीं दूसरी और वीर रस की कविताओं को सुनाकर श्रोताओं के दिलों में देशभक्ति का जोश भर दिया।

सोमवार को आयोजित इस भव्य कवि सम्मेलन के आयोजन में डीपीएस रानीपुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम की शुरूआत कवियत्री गौरी मिश्रा ने मां सरस्वती की वंदना से की। मंच का संचालन मध्य प्रदेश से आए लोकप्रिय कवि गोविंद राठी ने किया। अपनी रचनाओं से उन्होंने श्रोताओं को हंसते हंसते लोटपोट होने के लिए मजबूर कर दिया। अपनी रचनाओं से उन्होंने लोगों को हंसाते हंसाते समाज का आइना भी दिखाया। सबसे पहले मंच पर उन्होंने संभल से आए कवि सौरभ कांत को आमंत्रित किया। सौरभ कांत ने न केवल राजनीति पर व्यंग कर श्रोताओं की तालियां बटोरी बल्कि अपनी हास्य व्यंग की रचनाओं से श्रोताओं का दिल भी जीत लिया। अपनी एक रचना में उन्होंने व्यंग कसा कि …..यशोदा बेन न होती तो आज मोदी दिल्ली न होते। व्यक्ति की कामयाबी में मां के योगदान का भी गुणगान किया। देश के बंटवारे को लेकर अपनी कविता से तंज कसा, अपनी रचना देश के बंटवारे के वो गद्दार कौन थे सुनाकर न केवल श्रोताओं के दिलों में जोश भरा बल्कि उनकी तालियां भी बटोरी। नाथूराम गोडसे द्वरा गांधी की हत्या को लेकर अपने भाव व्यक्त करते हुए बताया कि बंटवारे के बाद गांधी की हत्या करते वक्त गोडसे के मन में क्या आया होगा, अपनी रचना में कहा कि ……सारा राष्ट्र तुम्हें पिता तुल्य मानता है….. तभी तुम्हारा वध सरेआम करता हूं….. मरने से पहले नाथूराम तुम्हे प्रणाम करता है, सुनाकर लोगों की खूब तालियां बटोरी। अयोध्या में रामलला मंदिर को लेकर भी रचना उन्होंने पढ़ी इसके बाद द्वारिकाधीश बने रहो कविता का सुंदर पाठ कर श्रोताओं की तालियां बटोरी।

इसके बाद मंच पर अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे हरियाणा से आए कवि दीपक शर्मा। दीपक शर्मा ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया। उन्होंने अपनी रचना… मुझको भी अपना जैसा समझ लिया, रिश्वत देना अन्य आय है से खूब गुदगुदाया, इसके बाद मुझे रोने भी नहीं देते बच्चे जहां भावुक भाव के साथ कविता सुनायी वहीं इस पर तालियां भी खूब बटोरी। पत्नी को लेकर बढ़ी व्यंग कविता से श्रोताओं को हसंते हंसते लोटपोट करने को मजबूर कर दिया। अपनी प्रस्तुति को विराम उन्होंने जिंदगी क्या चाहती है तू, शायरी क्या चाहती है तू, हिज्र में डूबा रहूं मैं आशिकी क्या चाहती है तू, सुनाकर ​दिया। कार्यक्रम में उपस्थित उत्तराखंड की कवियत्री गौरी मिश्रा ने श्रृंगार रस की कविता सुनाकर श्रोताओं का मंनोरंजन किया। मंच पर अपनी प्रस्तुति देते हुए गोविंद राठी ने श्रोताओं को सबसे अधिक गुदगुदाया। अपनी रचना …. इश्क मोहब्बत प्यार वफा, इससे किसको क्या, इधर उसकी मांग भरी उधर जेब सफा सुनाकर दर्शकों की खूब ताली बटोरी। गोविंद राठी ने अपनी कविता से राजनीति पर भी व्यंग भरा कटाक्ष किया।

कार्यक्रम के इसी क्रम में मंच पर जब राजस्थान के लोकप्रिय कवि विनीत चौहान पहुंचे तो तालियों से सभागार गूंज उठा। अपनी रचना में उन्होंने राजस्थान की देश भक्ति का गुणगान करते हुए कहा कि …पानी कम है लेकिन रक्त बहा करता है खूब, सुनाकर अपनी शुरूआत करते हुए श्रोताओं में जोश भरा। उसके बाद इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ……..ये धरती रण में दुश्मन का कोई अहसान नहीं रखती, सुनाकर सभागार को तालियों की गूंज से भर दिया। पाकिस्तान की गुस्ताखियों को लेकर कहा कि जिस दिन भारत की सेना ने ठान लिया उस दिन पाकिस्तान नहीं होगा, सुनाकर श्रोताओं के दिलों में जोश को और बढ़ा दिया। कवि विनीत चौहान ने राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के पर्व को लेकर भी अपनी रचना की कुछ पं​क्तियां पढ़ते हुए कहा कि ये दिवस जनवरी 22 भी नई दीवाली जैसा है।

कवि सम्मेलन के इस अवसर पर प्रदेश के सूचना आयुक्त योगेश भट्ट जी, डीपीएस के प्रधानाचार्य डॉ अनुपम जग्गा जी, डीएवी के प्रधानाचार्य मनोज कपिल जी, वरिष्ठ पत्रकार शेषमणि शुक्ला जी को भी सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *