पाकिस्तान के बॉर्डर से बासमती का बीज लेने मेरठ पहुंचा कठुवा का किसान




मेरठ। बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम मेरठ में सोमवार को बासमती बीज वितरण मेला एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ पीके सिंह निदेशक प्रसार सरदार वल्लभभाई कृषि विश्वविद्यालय एवं डॉ अमरनाथ मिश्रा संयुक्त निदेशक मेरठ मंडल कृषि विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर किया गया।

कार्यक्रम में बासमती धान की प्रदर्शनी आयोजित की गई। जिसमें देश में विकसित बासमती की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन एवं उनके धान और चावल समेत विभिन्न तकनीकियों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली आदि राज्यों के किसानों ने भाग लिया।

​बीज वितरण मेले में जम्मू के कठुवा का किसान भी बासमती का बीज लेने के लिए पहुंचा। किसान गुरविंदर ने बताया कि वह पिछले 10 साल से बासमती की खेती कर रहा है। उसने बताया कि बीईडीएफ से वह बासमती का बीज लेकर जाता है। करीब 20 एकड में वह बासमती की खेती करता है। यहां से मिलने वाले बीज की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों की अच्छी है। इसके अलावा यहां के प्रभारी और ​वैज्ञानिक किसानों को उन्नत तकनीक के बारे में भी जानकारी देते हैं।

इसी तरह सिरसा से आए किसान राकेश ने बताया कि वह करीब 50 एकड़ में बासमती की खेती करते हैं। यहां से जो बीज लेकर जाते हैं उसकी क्वालिटी दूसरे स्थानों से मिलने वाले बीजों से कहीं अधिक अच्छी है। यही कारण है कि वह पिछले कई सालों से बीईडीएफ से ही बीज खरीदकर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि बासमती को विदेशों में निर्यात करने लायक पैदा करने में भी यहां से काफी मदद मिलती है।

बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक व प्रभारी डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1718 और पूसा बासमती 1401 की बहुत अधिक मांग नजर आई। जिस तरह से बीज की डिमांड बढ़ी है उसके चलते इस बार बासमती के एरिया में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है।

बीज खरीद में दिखा उत्साह
किसानों का बासमती बीज खरीदने को लेकर काफी उत्साह दिखायी दिया। सुबह 4:00 बजे से किसान पहुंचने शुरू हो गए थे। इनमें पंजाब, हरियाणा से आने वाले किसानों की संख्या भी काफी अधिक थी। जम्मू के किसान गुरविंदर सिंह 150 किलो बीज लेकर गए। इसी प्रकार पंजाब के गुरदासपुर, अमृतसर, पटियाला, संगरूर आदि जिलों से आए किसानों ने बीज वितरण मेले से बीज खरीदा।

गोष्ठी के माध्यम से विशेषज्ञों ने दी जानकारी
बीज वितरण मेले में एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ गोपाल सिंह, डॉ राजेंद्र सिंह बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रितेश शर्मा, वैज्ञानिक अधिकारी प्रमोद कुमार तोमर, मुख्य वैज्ञानिक डॉ अनुपम दीक्षित आदि ने किसानों को बासती धान की खेती के उन्नत तरीकों की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान किसानों ने गोष्ठी के माध्यम से अपने अनुभव भी एक दूसरे से साझा किये।

पहले दिन बिका 500 कुंतल बीज
डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि पहले दिन पांच सौ कुंतल बीज की ​बिक्री हुई। जिससे करीब पांच लाख रूपये की आय बीईडीएफ को अर्जित हुई। बताया कि अभी जो बीज उपलब्ध है उनमें पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1401, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1728, बासमती 370, सीएसआर 30 शामिल हैं।



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