15 दिनों में 14 विधानसभा घूमने का प्रत्याशियों को चैलेंज




नवीन चौहान
लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों को 15 दिनों में 14 विधानसभाओं में घूमकर प्रचार करने का चैलेंज है। हालांकि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित होते है। लेकिन फिर भी जनसंपर्क करना और मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास हर कोई प्रत्याशी करता है। बावजूद मतदान में कम समय रहने के कारण सभी प्रत्याशी अपने पूरे संसदीय क्षेत्र का न तो भ्रमण कर पाएंगे और न ही सभी मतदाताओं से उनका सम्पर्क हो पाएगा। ऐसे में जनसभाएं और रैली ही जनता तक पहुंचने का एक मात्र माध्यम है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के लिए मतदान 11 अप्रैल को होना है। जिसके लिए चुनाव प्रचार 9 अप्रैल की सांय 5 बजे थम जाएगा। ऐसे में प्रत्याशियों के पास 15 दिन का समय शेष है। हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में 14 विधानसभाएं आती है। जिनमें से देहरादून की तीन और हरिद्वार की 11 विधानसभाएं हैं। इन 15 दिनों में सभी विधानसभाआंे का भ्रमण कर मतदाताओं से जनसम्पर्क करना प्रत्याशी के लिए मुमकिन नहीं है। हालांकि सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। बावजूद इसके सभी से जनसम्पर्क मुमकिन दिखाई नहीं देता। इस कारण जनसम्पर्क कर अपने प्रत्याशी के समर्थन में वोट की अपील करना कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बन गई है। ऐसे में प्रत्याशियों को इस बात भी खास ख्याल रखना होगा कि जनसम्पर्क सभी क्षेत्रों में हो रहा है या नहीं। इसके साथ ही अंदरखाने विरोध करने वालों पर भी निगाह रखना और उन्हें मनाना सभी दलों के प्रत्याशियों के लिए कड़ी चुनौती होगा।
निर्दलीय कठिन स्थिति में
पार्टी प्रत्याशियों के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार करना फिर भी आसान है। लेकिन निर्दलीय के तौर पर चुनाव में खड़े प्रत्याशियों के लिए एक कठिन चुनौती है। ऐसे में निर्दलीय कठिन स्थिति में है। भाजपा, बसपा, कांग्रेस प्रत्याशियों का चुनाव जोर पकड़ने लगा है। जल्द ही कार्यालयों का विधिवत उद्घाटन हो जायेगा। लेकिन निर्दलीय को अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा।



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