अक्षिता रावत
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने और अनुभवों को सांझा करने के लिए मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम उनके आवास पर पहुंची। टीम ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि आपके मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय निर्णय लिया गया। जिसके चलते अनाथ बच्चों को नौकरी में आरक्षण का लाभ मिल सका।
विदित हो कि मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की टीम लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान, मसूरी में तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य देहरादून स्थित उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर मिलने पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर था जब विभिन्न राज्यों के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रथम दल में उत्तराखंड सहित राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा सहित कुल छह राज्यों से आयोग के सदस्यों ने प्रशिक्षण लिया व अपने अनुभव आपस में सांझा किया। इस दौरान बातचीत के दौरान विभिन्न कानूनों एवम योजनाओं के संबंध में चर्चा हुई। आयोग की टीम ने यह बताते हुए त्रिवेंद्र जी को साधुवाद दिया, कि उनके कार्यकाल में प्रदेश में देश का पहला कानून बना जिससे अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी में आरक्षण प्राप्त होना शुरू हुआ।