आदि शंकराचार्य को लेकर कही पीएम नरेंद्र मोदी ने ये बातें




नवीन चौहान.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया।

उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे।

आदि शंकराचार्य का जीवन भारत और विश्व कल्याण के लिए था। आज आप श्री आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुन: स्थापना के साक्षी बन रहे हैं।

यह भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बह़त अलौकिक दृश्य है। कहा कि जात-पात के भेदभाव से हमारा कोई सरोकार नहीं है। 

एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था।

लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके
में देखता है।

आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है।

पीएम ने कहा कि आदि शंकराचार्य जी ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया।

आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की है।

कहा कि हमारे यहां सदियों से चारधाम यात्रा का महत्व रहा है। 

द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन की, शक्तिपीठों के दर्शन की, अष्टविनायक के दर्शन की, ये सारी यात्राओं की परंपरा है। 

ये तीर्थाटन हमारे यहां जीवन काल का हिस्सा माना गया है। 

अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केंद्रों को उसी गौरवभाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए।

कहा कि आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है।



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