पुलिस चौकी वर्षो से बंद, असामाजिक तत्वों का बोलबाला




सोनी चौहान
अपराधों पर अंकुश लगाने के साथ साथ असामाजिक तत्वों पर रोकथाम के लिए कड़च्छ अंबेडकर चौक पर पूर्व में बनायी गयी पुलिस चौकी पर वर्षो से ताला लगा हुआ है। पुलिस अधिकारियों की उदासीनता के चलते पुलिस चौकी पर कर्मियों की तैनाती आज तक नहीं हो पायी है। जबकि कड़च्छ निवासियों द्वारा स्वयं ही अपराधों एवं असामाजिक व्यक्तियों की रोकथाम को लेकर कड़च्छ अंबेडकर चौक पर पुलिस चौकी मांग की गयी थी। पुलिस द्वारा भी पूर्व में पुलिस चौकी बनाए जाने के नाम पर उस भवन की रंगाई पुताई बेहतर तरीके से की गयी। लेकिन वर्षो से बंद पड़ी पुलिस चौकी दीवारें जर्रजर्र हो चुकी हैं। लेकिन आज तक भी पुलिस चौकी नहीं खुल पाई है। ज्वालापुर के मौहल्ला कड़च्छ, मैदानियान, तेलियान, अहबाब नगर निवासियों को सुरक्षा देने के नाम पर पुलिस चौकी के खोलने का फरमान जारी किया गया था। पुलिस चौकी बंद होने के चलते इन क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों द्वारा नशे का कारोबार खुलेआम किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में शराब, सट्टा, जुआ के कारोबारी सक्रिय रूप से गोरखधंधों को चला रहे हैं। बड़े पैमाने पर शराब कारोबारियों द्वारा अवैध रूप से शराब की बिक्री जा रही है। स्थानीय निवासी शराब कारोबारियों से काफी परेशान हो चुके हैं। जगह जगह ज्वालापुर के विभिन्न मौहल्लों में सट्टे की खाईबाड़ी जोरो शोरो से चलायी जा रही है। क्षेत्र के लोग इन कारोबारियों से निजात की मांग कर रहे हैं। कई बार तो इन मौहल्लों में शराब कारोबारियों एवं सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले असामाजिक तत्वों से नोंकझोंक भी होती रहती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस चौकी खुली होती तो शराब कारोबारियों व असामाजिक तत्वों पर अंकुश लग पाता। बड़े पैमाने पर शराब की सप्लाई उपनगरी ज्वालापुर के क्षेत्रों में हो रही है। स्थानीय निवासी शराब कारोबारियों के धनबल के आगे कुछ कहने से भी परहेज करते हैं। जिसके चलते सीधे तौर पर ऐसे कारोबारियों की शिकायत भी पुलिस से नहीं कर पाते हैं। जनप्रतिनिधि भी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिन कारणों से युवाओं का जीवन बर्बादी की कगार पर पहुंच रहा है। कई परिवार नशे की लत के कारण बर्बाद हो चुके हैं।



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