कांवड़ियों की सुरक्षा में मुस्तैद पुलिस, हरिद्वार में यातायात व्यवस्था दुरूस्त, देंखे वीडियो




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नवीन चौहान
कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था में मित्र पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई पड़ रही है। चप्पे—चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। कनखल चौकी के समीप एसएम पुलिया से कांवड़ियों के वाहन को बैरागी कैंप पार्किंग भेजा जा रहा है। ​जहां से कांवड़िये हरकी पैड़ी से पवित्र गंगा जल भरकर नहर पटरी मार्ग से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे है। कांवड़ियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
श्रावण मास की शिवरात्रि महापर्व में कांवड़ियों की आस्था देखते ही बन रही है। हरकी पैड़ी से पवित्र गंगाजल को लेने के लिए लाखों की संख्या में कांवड़िये प्रतिदिन हरिद्वार पहुंच रहे है। इन कांवड़ियों के स्वागत और सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक स्तर पर पुलिस बल तैनात किया गया है। कांवड़ियों की सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी कनखल और नगर कोतवाली पुलिस के कंधों पर है। हालांकि संपूर्ण मेला क्षेत्र में तैनात एक—एक कांस्टेबल से लेकर कप्तान तक सजग है।

लेकिन कांवड़ियों को पार्किंग स्थल बैरागी कैंप भेजने का दायित्व कनखल थाना पुलिस और मेले में तैनात पुलिस के ऊपर है। गुरूवार की रात्रि करीब 9 बजे सीओ अनुज आर्य, जगजीतपुर चौकी प्रभारी खेमेंद्र गंगवार सहित तमाम कांवड़ मेला पुलिस कांवड़ियों के वाहनों को बैरागी कैंप भेजने में जुटे है। इसके अलावा चौकी में पीड़ितों की समस्याओं को भी सुना जा रहा है। सबसे बड़ी चुनौती रात्रि गश्त को लेकर है। इसके लिए भी चौकी प्रभारी खेमेंद्र गंगवार ने चेतक पुलिस को अलर्ट किया है। कांवड़ियों की व्यवस्था के बीच स्थानीय नागरिकों की समस्याओं पर ध्यान रखने के निर्देश अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को दिए गए है।

क्षेत्राधिकारी अनुज आर्य ने बताया कि कांवड़ियों से मित्रतापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए। सभी पुलिसकर्मी आदरपूर्वक कांवड़ियों के वाहनों को बैरागी कैंप भेजने का आग्रह करें। तनाव की स्थिति को टालने का पूरा प्रयास किया जाये। पुलिस के व्यवहार से मेला शांतिपूर्ण संपन्न होगा।

चोरी की संभावना
जगजीतपुर चौकी प्रभारी खेमेंद्र गंगवार ने पुलिस बल को रात्रि गश्त प्रभावी तरीके से करने के लिए​ निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ पर्व को सकुशल संपन्न कराने के साथ—साथ स्थानीय जनता की सेवा सुरक्षा में कोताही नही बरती जानी चाहिए। कांवड़ियों की भीड़ के दौरान चोरी की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में रात्रि गश्त प्रभावी तरी​के से ही की जानी चाहिए।



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