PROPERTY IN HARIDWAR हरिद्वार में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कर ले यह काम, नही तो हो सकती है मुसीबत





काजल राजपूत
हरिद्वार में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको उस अचल संपत्ति के दस्तावेजों की जांच करनी जरूरी है। नहीं तो आप मुसीबत में पड़ सकते है। आपकी मेहनत की कमाई फंस सकती है। कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते है। ऐसे में आपको संपत्ति के रिकार्ड की पूरी जांच करनी जरूरी होती है।
प्रॉपर्टी डीलर आपको पूरी जानकारी नही देते। ऐसे में जब भी आप कोई अचल संपत्ति खरीदने जा रहे हो तो सबसे महत्वपूर्ण जरूरी काम यह है कि आप उस प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की जांच करें। ताकि यह पता लग सके कि घर या जमीन को लेकर किसी तरह का कोई कानूनी विवाद तो नहीं है। क्योंकि अगर संपत्ति के रिकॉर्ड संदिग्ध हैं या उनमें हेराफेरी की गई है, तो आपके सपनों का घर का सपना टूट सकता है. आइये आपको बताते हैं कि आखिर कैसे बिना किसी वकील या प्रॉपर्टी एक्सपर्ट की मदद से संपत्ति की कानूनी वैद्यता की जांच कर सकते हैं.
दस्तावेजटाइटल डीड्स: किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले यह प्राथमिक दस्तावेज़ है जिसे सत्यापित किया जाना चाहिए. इससे आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि विक्रेता के पास संपत्ति बेचने का पूरा अधिकार है और वह वैध मालिक है. यह जांचने के लिए पिछले लेनदेन की जांच करें कि संपत्ति कितनी बार बदली गई है. आप स्थानीय नगरपालिका कार्यालय से वैधता की पुष्टि कर सकते हैं. यह पुष्टि करने के लिए कि संपत्ति किसी भी बंधक, ऋण या ऋण से मुक्त है, एक ऋणभार प्रमाणपत्र (ईसी) का अनुरोध करें.
प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें: प्रत्येक प्रॉपर्टी ऑनर को अपनी जमीन और घर पर हर साल टैक्स का भुगतान करना कानूनी रूप से अनिवार्य है. प्रॉपर्टी टैक्स विवरण की जांच करके, आप फिर से मालिकाना हक की पुष्टि कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उक्त संपत्ति के खिलाफ कोई वैधानिक बकाया नहीं है. याद रखें प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नियमित होना चाहिए.
एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट से इस बात का पता चलता है कि प्रॉपर्टी कानूनी तौर पर गिरवी या बकाया राशि से मुक्त है. इसमें प्रॉपर्टी के पुराने मालिक का भी नाम लिखा रहता है. जब भी कोई पुरानी प्रॉपर्टी खरीदने की बात आती है तो यह बेहद अहम दस्तावेज होता है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि क्या पिछले मालिक ने प्रॉपर्टी को गिरवी रखा था और सभी बकाया चुकाए हैं या नहीं.
प्रॉपर्टी के लिए बैंक लोन के जरिए भी प्रॉपर्टी की वैधता का पता लगाया जा सकता है, क्योंकि लोन मंजूर करने से पहले, बैंक प्रॉपर्टी का मूल्यांकन करते हैं. अगर कोई पीएसयू और पब्लिक सेक्टर बैंक अपार्टमेंट प्रोजेक्ट के लिए की ऑन साइट ऑफर देते हैं, तो समझ लीजिये कि प्रॉपर्टी कानूनी तौर पर वेरिफाइड है और सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं.



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