किसानों का 50-50 का समूह बनाकर कृषि विविधीकरण की दें जानकारी: राज्यपाल




मेरठ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने जनपद मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ‘‘कृषि विविधीकरण से पोषण सुरक्षा‘‘ विषय पर आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। 17 अक्टूबर से प्रारम्भ ये आयोजन 19 अक्टूबर, 2023 को सम्पन्न होगा।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किसानों के कृषि कार्य को देश का भाग्योदय करने वाला बताते हुए किसान मेला को देश-प्रदेश के भाग्य का मेला बताया। उन्होंने किसानों को कृषि में नवीन तकनीक और अविष्कारों को खेत तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान मेला और प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय की तकनीक और नई रिसर्च गाँवों और किसानों तक पहुँचेगी। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए उत्पादन बढ़ाने और फसलों की बहुउपयोगिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

इसी क्रम में राज्यपाल ने कहा कि भारत की आर्थिक धारा गाँव की धुरी से जुड़ी हुई है। उन्होंने किसानों की परचेसिंग पावर को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 50-50 किसानों का समूह बनाकर किसानों को कृषि विविधीकरण की जानकारी देनी चाहिए। उन्हें आर्थिक रूप से गतिशील बनाने की चर्चा करते हुए उनके कल्याण के लिए खेती से जुड़े अन्य व्यवसायों से भी जोड़ने को कहा, जिससे समृद्ध किसान का सपना पूरा हो सके।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कृषि कार्यों में केमिकल का कम उपयोग करके धरती की उर्वरकता बनाए रखने, नवीनतम सिंचाई विधियों द्वारा पानी का सदुपयोग करने, स्वास्थवर्द्धक मोटे अनाजों की उपयोगिता और उत्पादन में वृद्धि करने, उन्नत तरीकों से खेती करने, पशुओं की नस्ल सुधार करने, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने जैसे विषयों पर भी विस्तापपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को देश की जनसंख्या के अनुरूप कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए शोध कार्यों में तेजी लाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कृषि कार्यों से जुड़े युवाओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि देश के विकास के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक युवाओं को खेती से जोड़ा जाए। उन्होंने अपने सम्बोधन में मेरठ के उन खिलाड़ियों को भी बधाई दी, जिन्होंने हाल ही में चीन में सम्पन्न एशियाई खेलों में पदक जीत कर देश के गौरव को बढ़ाया। राज्यपाल जी ने प्रदेश और देश में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और सशक्त होती छवि की सराहना भी की।

विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस मेले में फसल अवशेष प्रबंधन, मिलेट्स ऑफ द ईयर-2023, प्राकृतिक खेती, कृषि विविधीकरण, महिला सशक्तिकरण, ड्रेगन फ्रूट्स उत्पादन की तकनीक का प्रदर्शन के साथ-साथ युवकों को उद्यमिता विकास सम्बन्धी जानकारियाँ देने सम्बन्धित विशेष स्टॉलों की व्यवस्था एवं डॉग शो का आयोजन भी किया गया। मेले के दौरान खाद्य, बीज, पेस्टीसाइड एवं मशीनरी आदि के 150 से अधिक किसान उपयोगी स्टाल लगाए गए हैं। इन स्टालों से किसान तकनीकी और कृषि उपयोगी जानकारियाँ प्राप्त कर रहे हैं। किसानों को इस आयोजन में खेती एवं पशुपालन को अधिक लाभकारी बनाने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और समुचित उपयोग की जानकारी भी दी जा रही है। किसानों की जानकारी बढ़ाने के लिए प्रदर्शनी में आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, शोध केन्द्रों पर परीक्षण का प्रदर्शन, रबी फसलों एवं सब्जियों की उन्नतशील प्रजातियों के विक्रय हेतु प्रदर्शन किया गया हैं। कृषि समस्याओं के समाधान हेतु विशेषज्ञों द्वारा आयोजन के तीनों दिन व्याख्यान दिए जाएंगे। किसान मेले में लगे बहुराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के स्टॉल से बीज, दवाएं, मशीनरी क्रय कर सकेंगे।

राज्यपाल ने इस अवसर पर कार्यक्रम में आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुसज्जित एवं सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु 495 आंगनवाड़ी किट का वितरण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की ‘दुग्ध प्रसंस्करण एवं गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला‘ का शिलान्यास भी किया। राज्यपाल ने आयोजन से जुडे़ एक अन्य कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय सभाकक्ष में 50 ऐसी महिलाओं से संवाद किया जो अशिक्षित हैं लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रयासों से कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भरता को प्राप्त किया है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मत्स्य पालन, पशुपलान, डेयरी भारत सरकार राज्यमंत्री, डॉ0 संजीव कुमार बालियान ने अपने उद्बोधन में देश में बढ़ती कृषि एवं डेयरी उत्पाद की संभावनाओं और पशुपालन में लाभकारी प्रयोगों से अवगत कराया। इसके अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि कृषि राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश, बलदेव सिंह औलख एवं कृषि वैज्ञानिक चयन मण्डल के अध्यक्ष, डॉ0 संजय कुमार ने भी विचार व्यक्त किए। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 के0के0 सिंह ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों, कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।



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