वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने बिजली संबंधी शिकायतों को लेकर प्रमुख सचिव और यूपीसीएल के एमडी को भेजा नोटिस




विजय सक्सेना.
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन द्वारा उपभोक्ता को समय से बिजली का बिल न भेजने, बिना वजह अघोषित बिजली कटौती करने और लो वोल्टेज आदि समस्याओं लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने पावर कारपोरेशन और प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है।

हरिद्वार के वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने अपने नोटिस में बताया कि उत्तराखंड राज्य में विद्युत विभाग द्वारा एक महीने का बिजली समय से नहीं भेजा जाता, कभी कभी बिल ढाई महीने में भेजा जाता है। जिसमें सुधार के लिए और दंडात्मक कार्रवाई के लिए अधिवक्ता अरूण भदौरिया द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा उत्तराखंड सरकार व प्रबंध निदेशक उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड को एक कानूनी नोटिस भेजा हैं

अधिवक्ता अरूण भदौरिया का कहना है कि मेरे बिजली का बिल जिसका खाता नंबर 40106001490 मुझे मई महीने में प्राप्त हुआ है। यह बिल 6029 रुपए का है। यह बिल 11 मार्च 2022 से 23 मई 2022 तक का मुझे प्राप्त हुआ है। आरोप है कि यूपीसीएल हमेशा 2 महीने या 2 महीने से ऊपर का बिल उपभोक्ताओं को भेजा जाता है। इसके अलावा बिजली के बिल में 100 रीडिंग खर्च तक मूल्य अलग है और 200 खर्च रीडिंग का मूल्य अलग है। यदि बिजली खर्च 300 रीडिंग है तो उसका मूल्य अलग और 400 रीडिंग होने पर बिजली का मूल्य अलग है। एक महीने से अधिक समय में बिजली भेजे जाने पर ​रीडिंग बढ़ जाती है जिस कारण उपभोक्ता को स्लैब के हिसाब से अधिक बिल चुकाना पड़ता है। इस स्थिति में उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।

नोटिस में कहा गया है कि आपके द्वारा लगातार कई वर्षों से यह किया जा रहा है। इसके लिए आप केवल एक माह का ही बिल प्रत्येक उपभोक्ता को भेजा जाना सुनिश्चित करें। अरूण भदौरिया ने यह भी बताया कि मैंने अपने नोटिस में यह भी उल्लेख किया कि सन् 1857 की आजादी की क्रांति के समय अंग्रेजों ने भारतीयों पर केवल एक टैक्स लगाया था जो भारतीयों की आमदनी पर लगाया गया टैक्स था, ताकि भारतीय लोग हथियार ना खरीद सके और अंग्रेजों से मुकाबला ना कर सके। परंतु आप दोनों के द्वारा जारी विद्युत बिल में फिक्स्ड चार्जेस, विद्युत कर, ग्रीन कर आदि लगाकर विद्युत बिल लिया जाता है।

एक बिल में कितने टैक्स हैं, किसी भी व्यक्ति को इस संबंध में जानकारी नहीं है। यह टैक्स जो उपभोक्ताओं से लिया जाता है वह किस् मद में और इस धनराशि का उपयोग कहां किया जाता है यह भी पता नहीं है। तमाम टैक्स देने के बावजूद बावजूद आए दिन बिजली की कटौती, लो वोल्टेज का सामना भी मेरे सहित समस्त उत्तराखंड वासियों को भुगतना पड़ रहा है। लिखा कि उसके लिए आप दोनों के द्वारा प्रताड़ना पहुंचाई जा रही है, जिसकी भरपाई के लिए आप दोनों पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं।



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