जोगेंद्र मावी
उत्तराखंड में विधानसभा—2022 के चुनाव का समय अब एक साल शेष रह गया है। नया साल—2021 नेताओं की कसरत का साल रहेगा। सत्ताधारी विधायक अपनी उपलब्धियों को लेकर अपने विधानसभा क्षेत्रों में उतरेंगे तो विपक्ष के नेता उनकी नाकामियों को ढूंढकर जनता के सामने रखने का प्रयास करेंगे। चार विधानसभा क्षेत्रों में नेताओं की स्थिति पर नजर डाले तो सत्ता संग्राम की तैयारी सभी में चल रही है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव सन 2017 में हुआ था। साल—2021 में सत्ता के चार साल पूरे होने जा रहे हैं तो चुनाव होने का मात्र एक साल का समय शेष रह गया है। इस साल में विधायकों को जनता के बीच पहुंचकर उनके विश्वास पर कायम रहने के लिए प्रयास करना होगा तो उन्हें चित करने के लिए विधायकों की पार्टी के नेताओं के साथ विपक्षी पार्टियों के नेता भी मैदान में उतरने के लिए तैयारी में जुट गए हैं। अब सभी के पास तैयारी का मात्र एक साल का समय है, क्योंकि सन 2022 में तो केवल उनकी मेहनत का रिजल्ट आना शेष रहेगा।
हरिद्वार विधानसभा में मदन कौशिक के सामने कौन!
हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का चार योजना से एक छत्र राज चल रहा है। सत्ता के संग्राम में उन्हें चित करने के लिए कांग्रेस ने जाल बिछाने का काम किया, लेकिन उन्हें जाल को काटकर मदन कौशिक बार—बार विधायक बनने में कामयाब रहे। अब 2022 में भाजपा से मदन कौशिक की मैदान में उतरेंगे, लेकिन कांग्रेस में अभी उहापोह की स्थिति है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी और मेयर अनीता शर्मा के पति अशोक शर्मा मैदान में उतरकर अपनी पृष्ठभूमि जमा रहे हैं। दोनों की हर मुद्दों पर मदन कौशिक को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस इन दोनों में से किस पर विश्वास करती है या फिर कोई तीसरा।
रानीपुर विधानसभा में आदेश चौहान का नेटवर्क कौन भेद सकेगा
रानीपुर विधानसभा क्षेत्र में सत्ताधारी भाजपा के विधायक आदेश चौहान दो बार से जीत रहे हैं। दोनों बार ही पूर्व विधायक अंबरीष कुमार मैदान में उतरें, लेकिन आदेश चौहान नायक बनकर उभरे। अब रानीपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के एक मात्र नेता राजबीर सिंह चौहान जिनकी श्रमिक नेता के रूप में पहचान है, वो संघर्ष कर रहे है। हालांकि शिवालिकनगर पालिका से चुनाव लड़ चुके महेश प्रताप राणा भी तैयारी कर रहे हैं। रानीपुर विधानसभा क्षेत्र में बसपा का अच्छा वोट बैंक हैं, लेकिन फिलहाल कोई भी प्रत्याशी के रूप में सामने नहीं आ रहा है और न ही किसी की तैयारी दिख रही है। अब सभी की नजर कांग्रेस से प्रत्याशी के नाम घोषित होने पर है।
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में कसरत को उतर रही कांग्रेस
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में दो बार से भाजपा से स्वामी यतीश्वरानंद विधायक चुने जा रहे हैं। वे कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हरा चुके हैं। बसपा का वोट बैंक भी बड़ी तादात में है। बसपा से मुकर्रम अंसारी भी अच्छी वोट लेकर हारे थे, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि बसपा उनके बजाय किसी दूसरे नेता पर दाव लगाएगी। बात करें कांग्रेस की तो अभी कोई चेहरा स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन क्षेत्र में पूर्व विधायक अंबरीष कुमार, गुरजीत लहरी, राजीव चौधरी जनता के बीच में पहुंच रहे हैं। देखना यह है कि एक साल में विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच विधायक स्वामी यतीश्वरानंद की पकड़ को ढीली करने में कौन कामयाब होता है।
ज्वालापुर विधानसभा बनेगी रौचक, ये कर रहे दावेदारी
ज्वालापुर विधानसभा सीट पर भाजपा के सुरेश राठौर विधायक है। रिजर्व सीट होने के चलते हुए इस सीट पर दावेदारों की संख्या कम है। यह तो निश्चित है कि भाजपा सीटिंग विधायक का टिकट तो नहीं काटेगी, लेकिन भाजपा से तेलूराम प्रधान भी तैयारी कर रहे हैं। विधायक सुरेश राठौर का क्षेत्र विस्तृत हैं, इससे क्षेत्र के कुछ लोगों में उनके प्रति नाराजगी सामने आती रहती है। अब उनके सामने कांग्रेस से दोबारा से एसपी सिहं इंजीनियर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन जिला पंचायत सदस्य रोशनलाल, विजयपाल भी तैयारी कर रहे हैं। इस सीट पर बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस का खेल बिगाड़कर भाजपा के खाते में सीट डाल देता है। पूर्व जिला पंचायत की चेयरमैन बृजरानी भी तैयारी कर रही हैं। हालांकि एसपी सिंह दो बार सीट पर हार चुके हैं, लेकिन तीसरी बार मैदान में उतरने को वे तैयारी कर रहे हैं।