नवीन चौहान
हरिद्वार तहसील हवालात में कैद बकायेदार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घबराहट होने की अवस्था में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे तहसील प्रशासन के कर्मचारी। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रथमदृष्टया मौत का कारण हार्ट अटैक प्रतीत हो रहा है। डीएम सी रविशंकर के आदेशों पर चिकित्सकों का एक पैनल मृतक के शव का पोस्टमार्टम करने में जुटा है। जिला अस्पताल में तहसील प्रशासन की पूरी टीम मौजूद है।
ज्वालापुर के मौहल्ला पावधोई निवासी मुर्तजा अहमद तहसील प्रशासन का बकायेदार था। कोर्ट के आदेशों पर अमीन मनोज बकायेदार मुर्तजा से रिकवरी करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन रविवार को बकायेदार मुर्तजा अहमद खुद तहसील प्रशासन के समक्ष पेश हो गया। जिसके बाद उसे हवालात में बंद कर दिया गया। रात्रि करीब साढ़े दस बजे उसकी तबीयत खराब हो गई। मुर्तजा को सीने में दर्द की शिकायत हुई। तहसीलदार आशीष घिडिल्याल ने तत्काल आनन—फानन में सरकारी वाहन से ही मुर्तजा को जिला अस्पताल भिजवाया। जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया। बंदी की मौत की खबर से तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। तहसीलदार आशीष घिल्डियाल ने जिलाधिकारी सी रविशंकर तथा एसडीएम कुश्म चौहान को सूचना दी गई। जिसके बाद मृतक के शव की पोस्टमार्टम की कार्रवाई जारी है।
एसडीएम कुश्म चौहान ने बताया कि बकायेदार की मृत्यु हो चुकी है। मौत के कारणों का पता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पायेगा।
तहसीलदार आशीष घिल्डियाल ने बताया कि द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार की कोर्ट ने मुर्तजा अहमद (उम्र 47 वर्ष)
पर करीब दो लाख 57 हजार 400 रूपये की बकाया राशि थी। इस राशि को वसूली करने के लिए कोर्ट ने 12 मार्च तक का वक्त दिया था। अमीन मनोज बकायेदार मुर्तजा से राशि को जमा कराने के लिए कह रहा था। वक्त न होने पर रविवार की शाम को मुर्तजा उसका साला और एक पार्षद तहसील पहुंचे। जिन्होंने मुर्तजा को तहसील प्रशासन के सुपुर्द कर दिया। मुर्तजा को हवालात में बंद कर दिया गया। रात्रि में उसके परिजनों ने खाया खिलाया। जिसके बाद रात्रि में करीब साढ़े दस बजे उसकी तबीयत खराब हो गई। मुर्तजा ने गार्ड को घबराहट होने की तकलीफ बताई। जिसके चलते उसको खुद अपने सरकारी वाहन में बैठाकर जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।