नवीन चौहान.
पीलीभीत में रहने वाली एक युवती ने आईजी बरेली के यहां श्किायत देते हुए आरोप लगाया है कि उसके साथ न्यूरिया थाने में तैनात सिपाही ने नाम बदलकर पहले दोस्ती की और फिर शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने एक मंदिर में उसके साथ शादी की, लेकिन शादी के बाद उसके घर जाने पर पता चला वह हिंदू नहीं मुसलमान है।
पीड़ित युवती का कहना है कि आरोपी सिपाही ने अपना नाम रोहित बताकर उसके साथ धोखा किया, जबकि उसका असली नाम इमरान है, वह यूपी के शामली जिले का रहने वाला है। पीड़िता इस मामले को लेकर समाजसेवी महिलाओं के साथ आईजी रेंज बरेली डॉ राकेश कुमार से मिली और कार्रवाई की गुहार लगाई। पीड़ित युवती के मुताबिक फेसबुक के जरिए उसकी शामली जिले के ताणा गांव निवासी एक सिपाही से दोस्ती हुई थी। जिसने अपना नाम रोहित बताया था। जो पीलीभीत के न्यूरिया थाना क्षेत्र में तैनात था।
पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान सिपाही ने युवती को भरोसे में लेते हुए उसके साथ शादी करने का झांसा दिया। जिसके बाद सिपाही ने युवती के साथ पीलीभीत, बरेली और न्यूरिया के होटलों में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस बीच जब युवती ने सिपाही से शादी करने को कहा तो वह युवती को लेकर हरिद्वार गया, जहां उसने एक मंदिर में युवती की मांग में सिंदूर भरकर पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेने की बात कही। इसके बाद सिपाही हरिद्वार से युवती को शामली स्थित अपने घर लेकर पहुंचा। जहां युवती को पता चला कि जिसके उसकी मांग में सिंदूर भरा वह रोहित नहीं बल्कि दूसरे समुदाय का इमरान है।
युवती का आरोप है कि उसने जब सिपाही पर लव जिहाद का आरोप लगाया, तो इमरान के भाइयों शोएब और फुरकान ने युवती पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। जिसका विरोध करने पर तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। जिससे वह तीन महीने की गर्भवती हो गई। आरोप है जब इसकी जानकारी आरोपी सिपाही को हुई तो उसने पीड़िता को गर्भपात की गोलियां खिला दीं। वहीं साथ रहने के लिए धर्म परिवर्तन करने का दवाब बनाया। इस बीच आरोपी का सेहरामऊ उत्तरी थाने में ट्रांसफर हो गया।
इस बीच युवती ने सिपाही के उत्पीड़न से आजिज आकर, थाना पुलिस, सीओ और एसपी को शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई। लेकिन पुलिस ने आरोपी सिपाही के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद पीड़िता ने समाजसेवी महिलाओं के साथ बरेली रेंज के आईजी डॉ. राकेश कुमार से मुलाकात कर शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। जहां पीड़िता को आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन मिला है।