नवीन चौहान.
नगर निगम देहरादून में आसपास के गांवों को शामिल करते ही इन गांवों में रहने वाले लोगों की समस्या बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनसे पुराने मकानों के भी नक्शे मांगे जा रहे हैं, अब वह 15-20 साल पुराने मकानों के नक्शे कहां से लाए।
इसके अलावा जमीन को भू उपयोग परिवर्तित कराने की भी समस्या है। उनकी कृषि भूमि अब आबादी में आ गई है, आबादी में उसे परिवर्तित कराने के लिए भी इधर से उधर चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अब ग्रामीणों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर समस्या का समाधान कराने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को इस संबंध में चिट्ठी लिखने वाले केसर सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर समस्या के समाधान की मांग की है। सीएम के सामने इन बिन्दुओं को रखा गया है।
नगर निगम परिक्षेत्र में करीब 40 वार्ड नए जुड़े हैं। इनमें से ज्यादातर शहर के बाहरी इलाके हैं, जहां अभी बड़े पैमाने पर कृषि भूमि है। सीएम से आग्रह किया गया है कि गांव डांडा लाखोंड भी नगर निगम परिक्षेत्र परिसीमन के बाद नगर निगम का हिस्सा बना है। इनमें से ज्यादातर और गांव में लैंड यूज एग्रीकल्चर है। हमारे गांव में बड़ी तादाद में आवासीय और व्यावसायिक भवन और इंडस्ट्रीयल कांम्पलेक्स आईटी-पार्क हैं। अभी 75 वर्ग मीटर तक कृषि लैंड यूज वाली भूमि पर मकान बनाया जा सकता है। इसके बावजूद भी कई 50 वर्गमीटर के मकानों को भी नोटिस दी गई है।
हम लोंग एमडीडीए और उसके बाद स्पेशल एरिया डेवेलपमेंट एजेंसी (साडा) में भी गए थे। इसके बावजूद हमको कहा गया कि आप लोग गांव सभा से संपर्क करिए, हम लोग गांव सभा के पास गए और मैप के पेसे देकर गांव सभा से मैप पास कराए। उसके बाद मकान का निर्माण कराया।
पिछले कोरोना काल में कई ग्रामीण लोगों की नौकरी और जॉब चली गई, बजाय किसी राहत पैकेज के हम लोगों के ऊपर लगातार कुछ समय से एमडीडीए द्वारा नोटिस की कार्रवाई की जा रही है।
सुनील उनियाल गामा, मेयर, देहरादून, का बयान भी आया था कि जिन लोगों ने पहले कृषि भूमि पर मकान बनाए हैं, उन्हें भी एमडीडीए नोटिस भेज रहा है। वहां भवन का नक्शा पास नहीं हो सकता। इससे शहर के हजारों लोगों को परेशान होना पड़ेगा। इसलिए हमने लोगों को राहत देने के लिए लैंड यूज में बदलाव का प्रस्ताव प्रशासन को दिया है। लोगों को राहत मिले इसलिए मुख्यमंत्री जी ने भी इस पर सहमति दी है। जबकि मामला शासन के पास है, और माननीय मुख्यमंत्री जी की सहमति है तो, फिर एमडीडीए के नोटिस की कार्रवाई को रोका जाए।
मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि हम सभी ग्रामीण आपसे विनम्र आग्रह करते हैं कि आपके द्वारा शासन को इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रेषित किया जाए और संबंधित विभाग/आवास सचिव, उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास, देहरादून, उत्तराखंड को उचित कार्यवाही हेतु अग्रेसित किया जाए। जिससे हम सभी ग्रामीणों को राहत मिल सके।
देहरादून नगर निगम में परिसीमन के बाद से नए जुड़े क्षेत्रों में जमीनों का लैंड यूज कृषि से आवासीय करने की कृपा की जाए। प्रशासन द्वारा लैंड यूज में बदलाव होने से लोग अपने भवनों के नक्शे पास करवा सकेंगे। पूर्व में बने मकान भी वैध हो सकेंगे। आपकी ओर से इस संबंध में उचित निर्देश जारी किए जाएं, जिससे कि हम ग्रामीणजनों को राहत मिल सके। और देहरादून नगर निगम में परिसीमन से पूर्व में बने घरों को राहत दी जाए। इसके लिए हम सभी ग्रामीण आपके सदा आभारी रहेंगे।