शहीद चित्रेश बिष्ट को अंतिम विदाई देने उमड़ आया उत्तराखंड




नवीन चौहान
शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पार्थिव शव को श्रद्धांजलि देने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ गया। नम आंखों ने शहीद चित्रेश बिष्ट के पार्थिव शव को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री व नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी, केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद जी महाराज, मेयर अनिता शर्मा, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी और बीईजी रूड़की के स्टेशन कमांडेंट ब्रिगेडियर रघु श्रीनिवासन सहित तमाम गणमान्य नागरिकों ने शहीद चित्रेश बिष्ट के पार्थिव शव पर पुष्प चक्र अर्पित किए। इस दौरान बीईजी रूडत्रकी की ओर से नौ फायर हवा में करके शहीद चित्रेश बिष्ट को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सगे चचेरे भाई हर्षित बिष्ट ने अपने भाई शहीद चित्रेश बिष्ट के पार्थिव शव को मुखाग्नि देकर दाह संस्कार की रस्म पूरी की। इस दौरान सैंकड़ों लोगों ने भारत मां के जयकारे लगाए।
शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक आईईडी डिफ्यूज कर रहे थे। इस दौरान ब्लास्ट में उनकी मौत हो गई। शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर को हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर लाया गया। शहीद चित्रेश बिष्ट के अंतिम दर्शनों के लिए हरिद्वार, देहरादून और हल्द्वानी से भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ गई। बीईजी रूड़की की ओर से शहीद सैनिक चित्रेश बिष्ट को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद हरिद्वार प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने शहीद के पार्थिव शव पर पुष्प चक्र अर्पित किए। आईपीएस मंजूनाथ टीसी, आईपीएस आयुष अग्रवाल, बीईजी रूड़की के डिप्टी कमांडेंट मुकुल पुनिया, एडम कमांडेंट वीपी सिंह, ले कर्नल नितिन दुबे सहित बीईजी के कई अधिकारियों ने अपने शहीद सैनिक को पुष्प चक्र अर्पित किया। सैन्य सम्मान की परंपरा का निर्वहन करने के बाद शहीद चित्रेश बिष्ट के दाह संस्कार की रस्म पूरी हुई। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन रहा। शहीद को अंतिम विदाई देने हुए सामान्य नागरिकों की आंखे भर आई। सभी की आंखों में पाकिस्तान के प्रति क्रोध साफ दिखाई दिया। श्रद्धां सुमन अर्पित करने वालों में विधायक ममता राकेश, मंत्री प्रसाद नैथानी, सतपाल महाराज सहित तमाम गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे

होनहार चित्रेश की बहादुरी के किस्से
मूल रूप से उत्तराखंड के रानीखेत, पोस्ट देवली ग्राम पीपली निवासी रिटार्यड पुलिस इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह बिष्ट का बेटा चित्रेश बिष्ट बालपन से ही बहुत बहादुर था। पढ़ाई में होशियार चित्रेश के मन में अपने देश के प्रति सम्मान और कुछ कर गुजरने की तम्मना थी। यही कारण था कि साल 2005 में बीटेक में प्रथम वर्ष करने के बाद भी चित्रेश ने सैनिक बनना पसंद किया। साल 2006 में चित्रेश सेना में भर्ती हो गया। चित्रेश बिष्ट ने चार सालों तक कठिन अभ्यास करने के बाद साल 2010 में आईएमए (भारतीय सैन्य अकादमी) देहरादून से पास आउट हुए। सेना में रहने के दौरान चित्रेश के दोस्तों के पास उसकी बहादुरी और जिंदादिली की यादें शेष रह गई है। आर्मी के दोस्तों ने बताया कि चित्रेश एक बहुत ही बहादुर सैनिक था।



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