उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू बोले उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास




नवीन चौहान
भारत के उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने कहा कि उत्तराखंड का इतिहास गौरवशाली है। कुंजा बहादुरपुर गांव में क्रांति की शुरूआत 8 मार्च 1822 को हुई थी। यहां की नारियों ने विदेशी आक्रांता को भगाने में अपनी वीरता के जौहर दिखलाये। शहीद राजा विजय सिंह स्मारक एवं कन्या शिक्षा प्रसार समिति की ओर से गांव कुंजा बहादुरपुर (हरिद्वार) में स्वतंत्रता संघर्ष के शहीदों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने वीर शहीदो को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी।


इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश वीर भूमि है। 17वीं शताब्दी से ही यहां की नारियों ने भी विदेशी आक्रांता को भगाने का काम किया। उत्तराखंड के अंदर वीरता और शौर्य की गाथाएं सुनी जाती है। लेकिन भारत के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि देश के सभी महानुभाव स्‍वतंत्रता सेनानियों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व उपराष्‍ट्रपति वैंकैया नायडू ने रुड़की के निकट कुंजा बहादुरपुर गांव में 1824 के स्वाधीनता संघर्ष के शहीद राजा विजय सिंह की प्रतिमा पर सादर पुष्पांजलि अर्पित की।


बताते चले कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू दिल्ली से सुबह देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत, प्रमुख सचिव उत्पल कुमार, डीजीपी अनिल के रतूड़ी सहित मौजूद अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ देकर उपराष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया।


जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एमआइ17 हेलीकॉप्टर से रुड़की के लिए रवाना हुए। इस दौरान महामहिम उपराष्ट्रपति की सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किए गए। पुलिस प्रशासन सड़कों पर मुस्तैद दिखाई दिया। महामहिम के दौरे को देखते हुए एयरपोर्ट के अंदर व बाहर सुरक्षा के बेहद कड़े बंदोबस्त किए गए थे। रुड़की के कुंजापुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोपहर करीब पौने एक बजे रुड़की से हेलीकॉप्टर के जरिए आईएमए हेलीपैड पहुंचेंगे। यहां से वह सड़क मार्ग से बिधौली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) पहुंचेंगे।



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