Baba Ramdev बोले गुरूकुल की भूमि पर आचार्यकुलम और सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल





नवीन चौहान
योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि गुरूकुल महाविद्वालय ज्वालापुर की भूमि तपस्वी संत स्वामी दर्शनानंद की भूमि है। तीन चवन्नी, तीन बीघा जमीन और तीन छात्रों के साथ स्वामी दर्शनानंद जी ने गुरूकुल महाविद्वालय शुरू किया था।

इसका अब नाम बदलकर स्वामी दर्शनानंद गुरूकुल महाविद्वालय ज्वालापुर रखा गया है। यहां से तीन नए प्रकल्प संचालित होंगे। पतं​जलि गुरूकुलम करीब 1500 विद्वार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी। सात मंजिला गुरूकुल होगा। करीब 250 करोड़ की लागत से यह बनेगा। इसी के साथ 250 करोड़ की लागत से आवासीय आचार्यकुलम बनेगा। जिसमें शिक्षा संस्कारों का ज्ञान दिया जायेगा। देश की सर्वश्रेष्ठ आधुनिक शिक्षा, भारत बोध, चरित्र निर्माण, राष्ट्र निर्माण का भाव, श्रेष्ठतम आधुनिक शिक्षा, अंग्रेजी ज्ञान के साथ पांच भाषाओं को सिखाया जायेगा।


योगगुरू बाबा रामदेव ने गुरूकुल में प्रेस वार्ता करते हुए अपनी योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गुरूकुल की भूमि को खुद—बुर्द होने के बचाने का कार्य चौहान समाज ने किया है। चौहान समाज की एक बड़ी भूमिका इस संस्था की भूमि को बचाकर रखने की रही है। इसी के चलते चक्रवती सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी की एक विशाल प्रतिमा यहां स्थापित की जायेगी। पतंजलि योगपीठ ने करीब पांच सौ करोड़ की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। महर्षि दयानंद भवन के नाम से एक अतिथि भवन बनेगा। पतंजलि वेलनेस का एक छोटा केंद्र खोला जायेगा। 2024 के अंत तक एक सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाया जायेगा। गुरूकुल का गौरवशाली इतिहास रहा है। पतंजलि गुरूकुलम भूमि का बेहद भव्य शिलान्यास कार्यक्रम 6 जनवरी 2023 की सुबह 11 बजे होने जा रहा है। जिसमें


भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी सहित तमाम अति विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम की पधार रहे है। कार्यक्रम में भजनोपदेशक, आर्य समाजी, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, संतगण के अलावा हरिद्वार के करीब 50 हजार से अधिक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रहेगी। महर्षि दयानंद की 200वीं जयन्ती पर यह भव्य कार्यक्रम है। उनकी कृतज्ञता के प्रति यह भाव है। पतंजलि योगपीठ की 30 सालों की सेवा संघर्ष की यात्रा का सफर है। योग और आयुर्वेद की क्रांति लाने का कार्य किया।
इनको याद किया
बाबा रामदेव ने कहा कि गुरूकुल महाविद्याल
य की इस पवित्र भूमि पर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित ज्वाहर लाल नेहरू, भारत रत्न इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह आदि के चरण कमल इस पुण्य धरा पर पड़े और आर्य समाज की पताका समूचे विश्व में गुंजायमान हुई। वह इस पुण्य भूमि पर सबसे खूबसूरत शिक्षण संस्थान बनाकर



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