मासूम के दुष्‍कर्मी को मिलेंगी फांसी की सजा




बच्‍ची से दुष्‍कर्म के बाद हत्‍या मामले में दुष्‍कर्मी की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार
सोनी चौहान
देहरादून के सहसपुर में दस साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के ​बाद उसकी हत्या करने के मामले में निचली कोर्ड ने आरोपी को फांसी की सजा सुना दी थी। उसके बाद मामला हाईकोर्ट में गया था। उत्‍तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के सहसपुर में दस साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या मामले में निचली कोर्ट से फांसी की सजा पाए आरोपी जयप्रकाश की सजा पर मुहर लगा दी है।  न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में सुनवाई हुई थी। निचली कोर्ट से फांसी की सजा सुनाने के बाद फांसी कन्फर्म करने के लिए हाईकोर्ट को याचिका भेजी गई थी।
जुलाई 2018 में देहरादून के सहसपुर में 10 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले दोषी को पोक्सो कोर्ट ने पिछले दिनों मौत की सजा सुनाई थी। हत्यारे जयप्रकाश ने बच्ची के साथ दरिंदगी करने के बाद उसकी लाश को कमरे में दफना दिया था। हत्या से पहले बच्ची को बुरी तरह यातनाएं दी गईं थी।

दरिंदगी की इस घटना से दहला गया था प्रदेश
देहरादून के सहसपुर सभावाला में रहने वाले एक परिवार की 10 साल की बच्ची अचानक घर से गायब हो गई थी। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे कि तभी बच्ची के साथियों ने बताया कि एक आदमी ने बच्ची को दस रुपये देने का लालच देकर अपने कमरे में बुलाया था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घर में तलाशी लेनी शुरू कर दी। इसी बीच घर में पुलिस को बच्ची की लाश मिल गई। आरोपी जयप्रकाश ने बच्ची के साथ रेप करने के बाद उसको मार दिया था। बच्ची की लाश उसने अपने कमरे में ही दफना दी थी। आरोपी जयप्रकाश यूपी के फैजाबाद का रहने वाला है। नए पोक्सो अधिनियम के तहत न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत ने दोषी को धारा 376, 377, 302 के तहत मौत की सजा सुनाई थी।

मामले में 11 गवाहों के बयान
इस मामले में 11 गवाहों के बयानों को अहम सबूत माना गया था। मृत बच्ची के हाथ में आरोपी के बाल और 10 रुपये का नोट मिला था। डीएनए टेस्ट करने पर पता चला था कि यह बाल आरोपी के है। उसकी के आधार पर पोक्सो कोर्ट ने अभियुक्त जयप्रकाश को सभी धाराओं में दोषी पाया था। उसे फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी जयप्रकाश पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। साथ ही दून के डीएम को एक लाख रुपये पीड़ित परिवार को बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया गया।

पोक्‍सो कोर्ट ने चार दाेषियों को सुनाई फांसी की सजा
पिछले एक साल में देहरादून के पोक्सो कोर्ट ने बच्चियों संग दरिंदगी और हत्या के चार मामलों में सुनवाई की थी। चारों मामलों में चार युवक दोषी पाए गए थे। और सभी काे कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। अगस्त 2018 में ऋषिकेश के गुरुद्वारे में सेवादार परवान सिंह को दो मासूम बच्चियों संग रेप और दुष्कर्म का दोषी पाया गया था। इसके बाद दून के ही त्‍यूणी में नाबालिग संग दुष्कर्म और हत्या की खबर आई। मामले में मोहम्मद अजहर को दोषी पाया गया। इसी साल दून के ही नेहरू कॉलोनी में एक मासूम की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। आरोप राजेश नाम के युवक पर लगा। इन सभी मामलों में कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि ऋषिकेश में सेवादार की फांसी की सजा को हाईकोर्ट दो माह पहले निरस्त कर चुका है।



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