नवीन चौहान
प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अचानक देर रात राजभवन पहुंच गए। माना जा रहा था कि वह रात में ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। और यही हुआ भी। राजभवन पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया। दिन में उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उनके इस कदम के बाद उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मच गई है।
हालांकि माना यही जा रहा है कि उपचुनाव को लेकर पैदा हुए संवैधानिक संकट को लेकर यह सब कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन ऐसे में सवाल यही है कि यदि तीरथ सिंह रावत का इस्तीफा स्वीकार हो भी जाता है तो फिर अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने शनिवार को विधानमंडल की आपात बैठक बुलायी है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना था कि पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर तक उनका विधानसभा सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था। चूंकि राज्य में अगले ही साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है और इसमें साल भर से कम समय बचा है। ऐसे में लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के तहत अब इस स्थिति में उप-चुनाव नहीं हो सकता है। प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें, गंगोत्री और हल्द्वानी रिक्त हैं जहां उपचुनाव कराया जाना है।
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा दिये जाने के बाद उत्तराखंड में नया मुख्यमंत्री चुना जाना तय हो गया है। भाजपा की शनिवार को विधानमंडल की बैठक बुलायी गई है, इस बैठक में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधानमंडल दल की शनिवार को देहरादून में होने वाली बैठक में पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक नया सीएम राज्य के विधायकों में से ही किसी को चुना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में अनुभवी चेहरे को ही कमान सौंपी जाएगी। ऐसे में एक बार फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा सरप्राइज होगा।