यात्रियों को बस में बैठाकर चालक निकल गया परिचालक की खोज में, हरिद्वार रोडवेज का नजारा




हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को पहले रोडवेज बसों की सर्विस में सुधार करना चाहिये। आज भी रोडवेज में दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर जनता से धोखा ही किया जाता है। बसों की हालत कंडम है। सीटें फटी हुई है। बसों के निर्धारित स्थान पर पहुंचने का समय तय नहीं है। बसों की प्रतीक्षा में जनता को कई-कई घंटे प्रतीक्षा करनी पड़ती है। ऐसा ही नजारा हरिद्वार रोडवेज पर देखने को मिला। जब देहरादून के लिये यात्री रोडवेज पर चार घंटों तक प्रतीक्षा करते रहे। बस चालक सवारी बैठाकर परिचालक को तलाश में निकल गया। जब यात्रियों ने रोडवेज के प्रशासनिक अधिकारियों ने जानकारी की तो मालूम चला कि 63 बसों पर 33 चालक और 27 परिचालक है। जिस कारण बस चालक यात्रियों को बैठाने के बाद भी बस ले जाने में असमर्थ है। ऐसे हालात में रोडवेज की व्यवस्थाओं का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते है।
रविवार की सुबह न्यूज127डॉट कॉम ने हरिद्वार रोडवेज बस स्टैंड के हालातों का जायजा लिया। जब हम रोडवेज पहुंचे और यात्रियों से बात की तो पता चला कि देहरादून जाने के लिये पांच घंटों से कोई बस नहीं है। यात्री बसों की प्रतीक्षा कर रहे है। इसी दौरान हम उत्तराखंड परिवहन निगम की बस संख्या यूके 08 पीए- 0216 के पास पहुंचे। यात्रियों से भरी हुई ये बस पूरी तरह फुल थी। सभी यात्री गर्मी से बुरी तरह परेशान नजर आ रहे थे। जब यात्रियों से बात की तो पता चला कि वह पिछले चार घंटे से बस में देहरादून जाने के लिये बैठे है। यात्रियों ने बताया कि बस का परिचालक परिचालक की तलाश में निकला हुआ है। चालक अभी तक नहीं आया है। इस बात पर यात्रियों को गुस्सा भी आ रहा था। तभी हमने रोडवेज के एआरएम सुरेश चौहान को फोन लगाया। देहरादून जाने वाले बसों की स्थिति जाननी चाही। सुरेश चौहान ने बताया कि जाम के कारण बसें फंसी हुर्ई है। जब हमने बस संख्या 0216 की हकीकत से परिचित कराया तो उन्होंने तत्काल जेएनयूआरएम के अधिकारियों से बात की। सुरेश चौहान ने तत्परता दिखाते हुये बस में परिचालक की व्यवस्था कराई। तब जाकर वह बस देहरादून के लिये रवाना हो सकी। सुरेश चौहान ने इस बस को रवाना करने के साथ-साथ तीन अतिरिक्त बसों को देहरादून के लिये रवाना किया।
रोडवेज सुधारने की सरकार को नहीं कोई सुध
हरिद्वार। हरिद्वार एक तीर्थनगरी है। यहां देश विदेश से लाखों श्रद्धालुओं का प्रतिदिन आगमन होता है। रेलवे और रोडवेज के अतिरिक्त निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं की तादात भी काफी है। जबकि मध्यम और गरीब श्रेणी के परिवार आज भी रोडवेज में ही सफल करते है। ऐसे सभी लोगों के लिये सरकार की ओर से रोडवेज की सुविधायें बेहतर होनी चाहिये। लेकिन सरकारों को इन रोडवेज की कोई सुध नहीं है।
चालक परिचालकों का रोना रो रहे अधिकारी
हरिद्वार। हरिद्वार रोडवेज डिपो में 101 बसें है। जबकि इनके अतिरिक्त लोकल के लिये जेएसयूआएम की 63 बसें है। जेएनयूआरएम के इंचार्ज आलोक मनवाल ने बताया कि चालक परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। जल्दी ही नये चालक परिचालक रोडवेज की बसों पर आ जायेंगे।



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