डीएवी सेंटेनरी परिवार ने गंगा में उतकर निर्मलता को उठाया सराहनीय कदम




नवीन चौहान
प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग देश-विदेश से गंगा दर्शन हेतु हरिद्वार आते हैं। किन्तु बड़े ही खेद का विषय है कि जहां पूरे विश्व में गंगा एक पावन नदी के रूप में विख्यात हैं एवं उनकी पूजा की जाती हैं, उसी गंगा में गंदगी बहा दी जाती है। हरिद्वार में प्रतिवर्ष मां गंगा की धारा का प्रवाह गंगा की सफाई हेतु बदल दिया जाता है। इस समय में हरिद्वार की विभिन्न संस्थाएं, विद्यार्थी, साधु-संत गंगा को साफ करने हेतु यथाशक्ति श्रमदान कर हरिद्वार प्रशासन की मदद करते हैं।


डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना के 50 स्वयंसेवक एवं विद्यालय के 70 अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों ने बिरला घाट हरिद्वार में मां गंगा के सफाई अभियान ‘मानो तो मैं गंगा मां हूं, न मानो तो बहता पानी’ में प्रतिभाग किया। सुबह 10 बजे सभी बच्चे एवं अध्यापक बिरला घाट पर पहुंचे। सभी स्वयंसेवकों एवं अध्यापकों ने बड़े उत्साह से गंगा में उतर कर करीब दो घंटे तक सफाई की।


गंगा स्वच्छता के लिए दिलाई शपथ
एनएसएस के जिला समन्वयक एसपी सिंह तथा विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य और एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार कपिल ने सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलाई कि वे गंगा सहित किसी भी नदी में किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं डालेंगे तथा अपने साथियों, परिवारजनों, पड़ोसियों एवं उनके सम्पर्क में आने वाले लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि दीपावली के शुभ अवसर पर मां गंगा की निर्मल धारा फिर से बहने लगेगी और हरिद्वार फिर से सजीव हो उठेगा।



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