नवीन चौहान
खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना एक रोमांचकारी अनुभव होता है। ऐसा अनुभव अगर स्कूल के दिनों में मिले तो रात को आंखों से नींद गायब होना लाजिमी है।
मेडल जीतने की चुनौती होती है। मैदान में अपनी प्रतिभा को साबित करना होता है। कुछ ऐसे ही अनुभव डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के बच्चों में देखने को मिला। बच्चों की टीम राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रदर्शन करने के लिए रवाना हुई। इस दौरान बच्चों ने न्यूज127 से बातचीत करते हुए अपने रोमांचकारी अनुभव बताए। बताया कि रात को ठीक से सो नहीं पाए। दिल में मेडल जीतने की उमंग थी। स्कूल का नाम गौरवांवित करने को लेकर उत्साह था। खिलाड़ियों के इस उत्साह को आत्मविश्वास में बदलने का काम जोनल इंचार्ज और डीएवी सेंटेनरी स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य मनेाज कुमार कपिल ने किया। उन्होंने बच्चों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आशीर्वाद दिया।
श्री मनोज कुमार कपिन ने बच्चों की बसों को रवाना करने से पूर्व एक —एक बच्चे से बातचीत की और उनको आत्मविश्वास के साथ खेलने की शुभकामनाएं दी। बच्चों को जीत दर्ज करने और मेडल जीतने को कहा। इसी के साथ बच्चों को मोबाइल ना चलाने की नसीहत भी दी। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि डीएवी स्कूल ने आप सभी नेशनल खेलने का अवसर प्रदान किया है। आपका अच्छा प्रदर्शन भारतीय टीम का हिस्सा बनायेगा। खेलकूद प्रतियोगिताए बच्चों को बेहतरीन खिलाड़ी बनने के साथ ही वास्तविक जीवन में सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने के लिए भी प्रेरित करती है। खिलाड़ी का आचरण ही उसको महान बनाता है। राष्ट्रीय स्तर की यह प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का आप सभी का अनुभव जीवन में बहुत आगे लेकर जाने वाला है। ऐसे में आप सभी बेहद अनुशासन के साथ अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करें। उन्होंने सभी खिलाड़ियों को जीत दर्ज करने का आशीर्वाद दिया।
कड़ाके की ठंड में बच्चों में गजब का उत्साह देखने को मिला। बैडमिंटन में नेशनल खेलने जा रही मृणमय ने बताया कि वह नर्वस फील कर रही है। आयुषी ने बताया कि रोमांचक अनुभव है। यशी ने बताया कि बास्केटबाल, वैष्णवी ने बताया कि वह शूटिंग में पहली बार नेशनल खेलने जा रही हूं। प्रधानाचार्य सर से मिलने के बाद आत्मविश्वास बढ़ा हूं। जूही बंसल क्रिकेट की खिलाड़ी है और मैच जीतने को लेकर उत्साहित है।
विदित हो कि उत्तराखंड के आठ डीएवी स्कूलों के 816 बच्चे नेशनल मीट में अपनी खेल प्रतिभा का जौहर दिखलाने के लिए यूपी, हरियाणा, पंजाब और एनसीआर के डीएवी स्कूलों में रवाना हो गए है।