डीएवी सेंटेनरी स्कूल के बच्चों की खुशी का नही रहा ठिकाना, जब स्कूल हो आना





नवीन चौहान
स्कूल की छुटटी हो तो बच्चों की खुशी का ठिकाना नही रहता। बच्चे जब स्कूल से घर जाते है तो उनके चेहरे पर मु्स्कराहट देखते ही बनती है। लेकिन डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के बच्चे स्कूल आने में भी खुश रहते है तो छुटटी हो जाने पर भी मुस्कराते नजर आते है।


डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में हरिद्वार में अग्रणी शिक्षण संस्थान है। आर्य समाज के नियमों का पालन करते हुए स्कूल में शिक्षण कार्य किया जाता है। स्कूल में वैदिक हवन यज्ञ का क्रम चलता है। स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियां अनवरत चलती ​रहती है। बच्चों की प्रतिभा के अनुरूप उनको निखारने का प्रयास किया जाता है। डीएवी स्कूल के बच्चे खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी अपना पूरा दमखम दिखाकर मेडल जीतकर स्कूल का नाम गौरवांवित करते है। वही स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज ​कपिल जी बच्चों को शिक्षा और संस्कारों के साथ श्रेष्ठ नागरिक बनाने की कोशिश में अपनी विजनरी सोच को चरितार्थ करते दिखाई पड़ते है। लेकिन यहां बात बच्चों के स्कूल में मन लगाने को लेकर हो रही है। तो न्यूज127 ने ऐसे ही कुछ छोटे बच्चों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि स्कूल आने में भी वही मजा है जो छुटटी हो जाने पर है। बच्चों से बातचीत के बाद यह बात तो साफ है कि डीएवी स्कूल के बच्चों को अपने स्कूल से बहुत प्रेम है। इसका मतलब साफ है कि स्कूल का प्रबंधन और शिक्षण कार्य सर्वोत्तम है।



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