DPS Ranipur में दो दिवसीय कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यशाला का हुआ आयोजन




नवीन चौहान.
डीपीएस रानीपुर में सीबीएसई (सीओई) देहरादून द्वारा शिक्षकों के लिए माध्यमिक स्तर पर विज्ञान विषय पर आधारित दो दिवसीय ‘कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। मुख्यवक्ता वंदना पांडे (भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार में अपर निदेशक, गुरुकुल शिक्षा और छात्र कल्याण) रही।

दिल्ली पब्लिक स्कूल, रानीपुर में दिनांक 16 एवं 17 दिसम्बर 2023 को चलने वाली इस कार्यशाला में सी0बी0एस0ई0 (सीईओ) देहरादून द्वारा हरिद्वार एवं रुड़की के सीबीएसई विद्यालयों के शिक्षकों के लिए विज्ञान विषय पर आधारित दो दिवसीय ‘कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यशाला’ का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यवक्ता वंदना पांडे (भारतीय शिक्षा बोर्ड, हरिद्वार में अपर निदेशक, गुरुकुल शिक्षा और छात्र कल्याण) एवं डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ0 अनुपम जग्गा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।

इस दो दिवसीय कार्यशाला में वंदना पांडे ने माध्यमिक स्तर पर विज्ञान की शिक्षा में रचनात्मक विचारधारा के विभिन्न पहलुओं पर अपनी प्रस्तुति दी साथ ही विज्ञान शिक्षण में रचनात्मक वातावरण का निर्माण करना तथा नवाचार को समावेशित कर पठन-पाठन को सरल व सहगामी बनाने की विधियों को विस्तार से समझाया।

इस कार्यशाला में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी ।

  • बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य एवं विकास
  • विज्ञान विषय में रचनात्मक शिक्षण के प्रकार
  • विद्यार्थियों में विज्ञान एवं वैज्ञानिक सोच का निर्माण
  • विषयवस्तु का निर्माण एवं प्रयोगात्मक आधारित शिक्षण एवं प्रशिक्षण।

स कार्याशाला में हरिद्वार एवं रुड़की के सीबीएसई विद्यालयों के 50 से अधिक शिक्षकों ने बढ़चढ कर हिस्सा लिया तथा वर्तमान में माध्यमिक स्तर पर विज्ञान विषय में पठन-पाठन सम्बंधी चुनौतियों के समाधान में उपयोगी बताते हुए सीबीएसई द्वारा आयोजित इस कार्यशाला की सराहना की।

प्रधानाचार्य डॉ0 अनुपम जग्गा ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि किसी भी विषय में शिक्षण को उत्कृष्टता से तभी किया जा सकता है जब हम स्वयं को समय के अनुसार बदलें एवं भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करें साथ ही शिक्षण में नवाचार को अपनाते हुए उसे सरल तथा रुचिकर बनाएँ। उन्होंने सीबीएसई सीओई देहरादून का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा आयोजित इस प्रकार की ज्ञानवर्धक कार्यशालाएँ शिक्षकों की क्षमता निर्माण में महती भूमिका निभा रहीं हैं।



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