हरिद्वार में अफसरों के नाम की उगाही कर रहे कर्मचारी, बेगुनाह दे रहे सफाई




नवीन चौहान
हरिद्वार में अफसरों के नाम पर उगाही हो रही है। कार्यरत कर्मचारी अफसरों को पैंसा देने के नाम पर गरीबों का शोषण कर रहे है। जी हां खनन सामग्री ढोने वाले एक वाहन मालिक ने अपना दर्द बयां करते हुए न्यूज127 को अवैध तरीके से की जाने वाली उगाही के राज से पर्दा उठाया है। उन्होंने बताया कि रायल्टी,टीफ और धर्मकांटे पर प्रतिवाहन अवैध उगाही हो रही है।
वाहन चालक कर्मचारियों से इस उत्पीड़न से परेशान है और वाहन मालिक की नजर में चोर साबित हो रहे है। लेकिन जब वाहन मालिकों ने खुद जाकर पैंसा वसूलने की हकीकत को देखा तो चालक की बातों पर यकीन किया।
कोरोना संक्रमण काल के बाद ट्रांसपोर्ट कारोबार मंदा पड़ा हुआ है। वाहन मालिकों को किस्त चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। बिना कार्य के भी वाहन चालक और हेल्पर को वेतन दिया जा रहा है। लेकिन अनलॉक 5 के बाद से कार्य करने की छूट मिली तो अवैध उगाही से आजिज हो रहे है। एक वाहन मालिक ने बताया कि खनन सामग्री को नियमानुसार भी वाहन में भरा जाए तभी भी उनके जबरन पैंसा वसूल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रायल्टी कटाने के दौरान एक वाहन से 50 से 100 रूपये अधिक लिए जा रहे है। जबकि टीएफ में 20 रूपये प्रति वाहन और कांटे पर प्रतिवाहन 20 रूपये अधिक लिए जा रहे है। जब अधिक पैंसा देने से इंकार करते है तो वह रसीद नहीं देते है। वाहन मालिक ने बताया कि कांटे वाले, रायल्टी वाले इन तमाम कर्मचारियों ने हमारा खून चूस लिया है। जिसके कारण हम जीने की स्थिति में नही है। हरिद्वार के इन कर्मचारियों की मनमानी का ये हाल तो तब है जब जिलाधिकारी सी रविशंकर भ्रष्टाचार की शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई करते है। जिलाधिकारी सी रविशंकर बेहद ही ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ अफसर है। डीएम की ईमानदारी से शासन, प्रशासन और जनता पूरी तरह से वाकिफ है। एक ईमानदार जिलाधिकारी के होने के बाबजूद कर्मचारियों के द्वारा किया जाने वाला ऐसा कृत्य दुस्साहस ही कहा जाएगा।



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