बिजली विभाग के 6 अधिकारी निलंबित, 3 को नोटिस और 6 पर आरोप पत्र




— प्राइवेट कंपनी मैसर्स केआईपीएल से समय पर बकाया वसूली न करने पर हुई कार्रवाई
नवीन चौहान
देहरादून। प्राइवेट कंपनी मैसर्स केआईपीएल से समय पर करीब 60 करोड़ रुपये की वसूली न करने पर शासन ने बिजली विभाग के 6 अधिकारियों को लापरवाही के मामले में निलंबित कर दिया है। जबकि 3 को नोटिस और 6 को आरोप पत्र जारी किया। जांच में सामने आया कि अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता और लापरवाही बरती। मामला मैसर्स केईआईपीएल नाम की कंपनी ने बिजली विभाग की सरप्लस बिजली को बाजार में बेचने का है। कंपनी ने निर्धारित समय में धनराशि जमा नहीं की।
बिजली विभाग के कई अधिकारियों पर गाज गिर गई है। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम में करीब 60 करोड़ रुपये के बकाया वसूली मामले में लापरवाही बरत रहे थे। जिसमें वित महाप्रबंधक मोहम्मद इकबाल, अधिक्षण अभियंता बृज सिंह और सुनील वैद्य, अधिशासी अभियंता अर्जुन प्रताप सिंह, वरिष्ठ लेखाधिकारी राकेश चंद्र, सहायक लेखाधिकारी अनवीश गुप्ता को निलंबित किया है। इनके अलावा मुख्य अभियंता एसके टम्टा, अधिशासी अभियंता रजनीश अग्रवाल, लेखाधिकारी एसके मेहता, सहायक अभियंता प्रवेश कुमार, एसके मेहता, मनीष पांडेय, लेखाकार होशियार सिंह को आरोप पत्र जारी किया है। जबकि तीन अधिकरियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें वित्त महाप्रबंधक अनिल मित्तल, मुख्य अभियंता एके सिंह, सीएस धर्मसत्तू को नोटिस जारी किया है। इस मामले में यूपीसीएल के एमडी नीरज खैरवाल से मामले की जांच कराई थी।



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