फर्जी सर्वे से सीएम की छवि धूमिल करने का प्रयास,पर्दे के पीछे की सियासत





नवीन चौहान
फर्जी सर्वे को आधार बनाकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उनको कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने की सियासत की जा रही है। यह सब पर्दे के पीछे की राजनीति के चलते ही इस सर्वे को सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जा रहा है। लेकिन अगर उत्तराखंड की वास्तविक हकीकत और जनता की पहली पंसद के बारे में पता किया जाए तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गरीब जनता की पहली पसंद बन चुके है। उत्तराखंड की जनता के दिल में अपने मुख्यमंत्री के लिए विशेष सम्मान है। इसके सबसे बड़ी वजह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता से झूठे वायदे में यकीन नही रखते है। वह अपनी घोषणाओं को पूरा करने में यकीन रखते है। प्रदेशहित में निर्णय करते है। उन्होंने अपने चार साल के कार्यकाल में निष्पक्षता से उत्तराखंड ​के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया। प्रदेश में विकास कार्यो को गति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक सरल हृदय के व्यक्ति है। संघ की पृष्टभूमि से जुड़े और भाजपा तक का सफर तय किया। उत्तराखंड में भाजपा को मजबूती प्रदान की। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मनोभाव से सेवा की। उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में रहते हुए कभी अपने हितों की पूर्ति नही की। न्यूज127 ने प्रदेश में अलग—अलग वर्ग के लोगों से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार साल के कार्यकाल की जानकारी की। टीवी चैनल के सर्वे के आधार पर जनता से जानकारी की गई। उत्तराखंड के सैंकड़ों लोगों से मुख्यमंत्री के कार्यकाल और उनके व्यक्तित्व के बारे में जाना। उत्तराखंड की जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहली पंसद माना। उत्तराखंड के दुूरस्थ पिंडरघाटी निवासी एक सज्जन ने बताया कि पशुधन मंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गौधन के लिए आर्थिक सहयोग कराया। गायों की सेवा करने के लिए धन उपलब्ध कराया। उन्होंने बताया कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक सरल इंसान है। वह जंजाल वाले व्यक्ति नहीं है। त्रिवेंद्र सिंह रावत का अपना एक ओरा अर्थात प्रभामंडल है। लाइम लाइन से दूर रहकर कार्य करते है। किसी कार्य को पूरा करने के बाद उसका श्रेय लेने में यकीन नही रखते है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने अपनी दूरदर्शिता से जो भी कार्य किए उनका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है और आगामी भविष्य में मिलेगा।
भाई भतीजे के लिए कोई कार्य
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार साल के कार्यकाल में परिवारहित में कोई कार्य नहीं किया। अपने भाई भतीजों को सरकार के आर्थिक हितों से दूर रखा। मुख्यमंत्री की साफ सुथरी छवि है। कम बोलना और अधिक कार्य करना उनकी कार्यशैली है।
वास्तविकता के नजदीक
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वास्तविकता से दूर नही रहते है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कार्य करते है। प्रदेश के युवाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उनके अथक प्रयास जारी है। उत्तराखंड की युवा शक्ति को सक्षम बनाने में उनका काफी योगदान है।
चार साल का बेदाग सफर
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का चार साल का कार्यकाल बेदाग रहा है। उनके कार्यकाल में किसी प्रकार की अनियमितता का कोई आरोप नही है। उन्होंने उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए जीरो टॉलरेंस की मुहिम को शुरू करने का साहस दिखाया। जिसके सार्थक परिणाम भी दिखाई दिए है। भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में जनता को न्याय मिल रहा है।

कानून व्यवस्था सुदृढ
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार साल के कार्यकाल में उत्तराखंड की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। पुलिस की छवि सुधरी है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने डयूटी में मानवता की मिशाल पेश करते हुए सर्वश्रेष्ठ पुलिस में अपना नाम दर्ज कराने का गौरव हासिल किया है।

न्यूज127 ने तमाम लोगों से जानकारी करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल की समीक्षा की। पाया कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार जनता की अपेक्षा के अनुरूप बेहतर कार्य कर रही है। उत्तराखंड की जनता अपने मुख्यमंत्री से संतुष्ट है। न्यूज127 के सर्वे में एक बात निकलकर सामने आई कि उत्तराखंड की माफिया लॉबी में बौखलाहट है। माफियाओं के हितों की पूर्ति नही हो पा रही है। माफियाओं की दाल नही गल पा रही है। त्रिवेंद्र सरकार माफियाओं के वर्चस्व को तोड़ने में सफल रही है। यही कारण है कि उनको खराब मुख्यमंत्री बताकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास निरंतर जारी है। लेकिन उत्तराखंड की जमीनी हकीकत को गरीब जनता से जानकारी करने के बाद ही पता चलती है। गरीब जनता की सबसे पहली पसंद के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ही है।



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