नवीन चौहान
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, आरएसएस के सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति सहित संत समाज के नामचीन संतों ने आश्रम पहुंचकर स्वामी हंसदेवाचार्य को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। सभी ने उनकी आकस्मिक मृत्यु को संत समाज के लिए अपूर्णीय क्षति बताया।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य का प्रयागराज के रास्ते में एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से निधन हो गया था। स्वामी हंसदेवाचार्य के निधन की सूचना मिलते ही पूरे देशभर के संत समाज से लेकर राजनैतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई। स्वामी हंसदेवाचार्य के भक्तों का हरिद्वार में तांता लग गया। शनिवार दोपहर उनके पार्थिव शरीर को उत्तरी हरिद्वार स्थित आश्रम पर लाया गया। जहां अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी। इनमें उनके देशभर से आए भक्तों की बड़ी तादाद थी। वही समाजसेवी संगठनों, संत समाज, और राजनैतिक हलकों से भारी भीड़ आश्रम में स्वामी हंसदेवाचार्य को अंतिम विदाई देने पहुंची। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, आरएसएस के सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल, पूर्व सांसद बलराज पासी, ओमप्रकाश जमदग्नि, ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी, राजेश रस्तोगी, बाबा बलरामदास हठयोगी सहित सैंकड़ों की संख्या में भक्त उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वामी हंसदेवाचार्य के निधन को देश की अपूर्णीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि धर्म की अलख जगा रहे स्वामी हंसदेवाचार्य का आकस्मिक निधन बहुत कष्टकारक है। देशवासियों को उनके बताए धर्म के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।