नवीन चौहान,
हरिद्वार। हरिद्वार पुलिस अब डरने लगी है। ये डर किसी और का नहीं जिले के एसएसपी का है। जिन पीड़ितों की थाने में सुनवाई नहीं वो पीड़ित पीड़ित सीधा पुलिस मुख्यालय रोशनाबाद की ओर रूख कर रहा है। मुख्यालय पहुंचकर पीड़ित अपनी बात एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को बयां कर रहा है। पीड़ितों की बात को सुनने के बाद एसएसपी पीड़ितों को न्याय दिला रहे है और हीलाहवाली करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर रहे है। इसके अलावा भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहे है। ऐसे में थाने की पुलिस अब पीड़ितों को गंभीरता से लेने लगी है।
अपनी ईमानदारी और सादगी के लिये पहचाने जाने वाले एसएसपी कृष्ण कुमार वीके जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे है। पीड़ितों को प्राथमिकता देने की एसएसपी की कार्यशैली ने जनता के दिलों में पुलिस के प्रति भरोसे को कायम किया है। जनता को अब ये महसूस होने लगा है कि थाने में सुनवाई नहीं हुई तो एसएसपी साहब से शिकायत की जायेगी। यही कारण है कि थाने में जिन पीड़ितो की सुनवाई नहीं होती वो सीधा एसएसपी ऑफिस पहुंच रहे है। पीड़ितों के एसएसपी ऑफिस पहुंचने की तादात में लगातार इजाफा हो रहा है। और पुलिसकर्मियों पर गाज गिर रही है। चंद रोज पहले रानीपुर कोतवाली क्षेत्र से एक बाइक चोरी हो गई। कोतवाली की पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो पीड़ित एसएसपी ऑफिस पहुंच गया। जिसका परिणाम ये रहा कि पीड़ित का मुकदमा दर्ज हुआ और कोतवाली का चार्ज संभाल रहे दरोगा और मुंशी को निलबिंत कर दिया गया। दूसरा मामला गंगनगर कोतवाली का सामने आया है। जहां रेप पीड़िता का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो वो भी पुलिस मुख्यालय पहुंच गया। इस मामले में भी एक कांस्टेबल सस्पेंड हो गया और एसएसआई की भूमिका की जांच जारी है। ऐसे में एसएसपी के कड़क तेवर ने पुलिस के दिलों में पीड़ितों को प्राथमिकता देने का डर बैठा दिया है। दबी जुबां से ही सही थाना कोतवाली की पुलिस अब ये समझने लगी है कि पीड़ित कप्तान साहब के पास भी जा सकता है। बता दें कि एसएसपी कृष्ण कुमार वीके जीरों टोलरेंस की मुहिम पर संजीदगी से कार्य कर रहे हैं। पीड़ितों को न्याय दिलाना और पुलिस महकमें से भ्रष्टाचार दूर करना उनका मुख्य एजेंडा है।