नवीन चौहान.
हरिद्वार। सर्दी के मौसम में संतों की सियासत ने गर्माहट पैदा कर दी है। यह सियासत उस वक्त शुरू हुई जब जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित दिव्य अध्यात्मिक समारोह में संतों के आमंत्रण को लेकर मनमुटाव सामने आया। इसी मामले में कुछ संतों पर गाज गिरने के बाद अब एक विशिष्ट संत के निष्कासन की सुगबुगाहट ने गरमाहट पैदा कर दी है।
दरअसल दिव्य अध्यात्मिक समारोह में कुछ चुनिंदा लोगों को ही स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम में अखाड़ों को भी दरकिनार किया गया था। इसी समारोह का आमंत्रण न मिलने पर संतों में रोष दिखा। अखाड़ों को आमंत्रण न देने और आचार्य महामण्डलेश्वरों को बुलाने पर कुछ अखाड़ों के कुछ संत नाराज बताए गए हैं। नाराज संतों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं बनी। सूत्रों की मानें तो इस मामले में एक वरिष्ठ संत का निष्कासन किया जा सकता है।
चर्चा है कि एक आचार्य ऐसे हैं जिनकी नजदीकी आजकल दूसरे अखाड़े के संतों के साथ बढ़ रही है। सूत्रों की मानें तो सहयोगी अखाड़े के आचार्य को पद से हटाया तो नहीं जा सकता, किन्तु अनदेखी करने पर अखाड़ा अपनी नाराजगी जरूर जताएगा। बहरहाल सूत्रों से जो संकेत मिल रहे हैं और एक अखाड़े के विशिष्टजन जो संकेत दे रहे हैं उसको देखते हुए संत पर शीघ्र ही निष्कासन की गाज गिर सकती है।