नवीन चौहान
गंगा का सीना छलनी करने वाले खनन माफियाओं पर हरिद्वार तहसील प्रशासन की नजरे जमीं रही। प्रशासन की तमाम व्यस्तताओं के बाबजूद हरिद्वार तहसील प्रशासन की टीम ने खनन क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। एसडीएम गोपाल चौहान के नेतृत्व में तहसीलदार आशीष घिल्डियाल व खनन निरोधक दस्ते की टीम ने माफियाओं की हरकतों पर नजर बनाकर रखी। माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए निजी वाहनों से दबिश दी। जिसके चलते काफी हद तक अवैध खनन पर अंकुश लगा। अप्रैल 2020 से दिसंबर माह तक करीब 68 लाख का जुर्माना वसूल किया गया। जबकि 300 से अधिक वाहनों को सीज किया गया। प्रशासन की ये कार्रवाई तब संभव हो पाई जब जिलाधिकारी सी रविशंकर की पैनी नजर प्रशासनिक अधिकारियों पर बनी रही।
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कोरोना संक्रमण काल में जनता की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए। लेकिन उसकी सबसे बड़ी चुनौती हरिद्वार से राजस्व की बढोत्तरी करने की बनी रही। उन्होंने हरिद्वार जनपद में अवैध खनन की रोकथाम के लिए सुनियोजित रणनीति बनाई। एंटी माइनिंग सेल की टीम का गठन किया। खनन संबंधी सूचनाओं को स्वयं संज्ञान लिया और प्रशासनिक टीम को दौड़ाकर रखा।
जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देशों पर एसडीएम गोपाल चौहान ने भी बखूवी पालन किया। एसडीएम अवैध खनन की सूचनाओं पर तत्काल पहुंचे और विधिक कार्रवाई की। अगर राजस्व जुटाने की बात करें तो साल 2020 में अप्रैल माह के बाद करीब 70 लाख का राजस्व जुटाया जा सका। हालांकि जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अवैध खनन में संलिप्त रहने वाले स्टोन क्रेशरों पर कार्रवाई करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। प्रत्येक सूचना पर डीएम सी रविशंकर ने कार्रवाई कराई। जिलाधिकारी सी रविशंकर की ईमानदारी और निष्पक्षतापूर्ण कार्रवाई के चलते ही हरिद्वार तहसील प्रशासन राजस्व जुटाने में सफल हो पाया। हालांकि इस दौरान एंटी माइनिंग सेल की टीम पर भी गाज गिरी। एंटी माइनिंग सेल की टीम से राजस्वकर्मियों को हटाकर एसडीएम गोपाल चौहान ने नई टीम गठित की। कुल मिलाकर कहा जाए तो हरिद्वार के प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में सकारात्मक योगदान दिया।
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