एचआरडीए ने बहादराबाद में 180, ज्वालापुर में 41 और क​नखल में 34 अवैध निर्माण किए सील





नवीन चौहान
हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण ने बीते ​कुछ सालों में आवासीय और कमर्शियल अवैध निर्माणों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। एचआरडीए की टीम ने क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद लगातार अवैध निर्माणों को सील करने में तत्परता दिखाई है। अगर आंकड़ों की बात करें तो अवैध निर्माण में सबसे ज्यादा कार्रवाई बहादराबाद क्षेत्र में की गई। बहादराबाद क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर 180 से अधिक अवैध निर्माण को सील करने के आदेश प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए। जिसमें से अधिकतम में सीलिंग की कार्रवाई की गई। जबकि कुछ कोर्ट और अन्य प्रकरणों के चलते विचाराधीन है। जबकि ज्वालापुर में 41, रूड़की क्षेत्र में 66, कनखल में 34 अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह का कहना कि जब प्राधिकरण जनता के मानचित्रों को स्वीकृत करने में तत्परता दिखा रहा है तो अवैध निर्माण करने की जरूरत ही नही है। आप अपने भवनों के नक्शों को स्वीकृत कराकर निर्माण कार्य शुरू करे। एचआरडीए हरिद्वार की जनता की सेवा में सदैव तत्पर है।
आईएएस अंशुल सिंह ने एचआरडीए की कमान संभालने के बाद ही अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। उन्होंने प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की कुर्सी संभालते ही सबसे पहला काम प्राधिकरण की आंतरिक व्यवस्था को दुरूस्त करने का किया। प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुस्ती तोड़ते हुए अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने के निर्दे​श दिए। प्राधिकरण के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया और अधिकारियों के जनता से बर्ताव और काम करने के तरीकों में सुधार करने के आदेश दिए। इसी के साथ हरिद्वार जनपद का सुनियोजित तरीके से विकास करने की दिशा में कदम बढ़ाया।
एचआरडीए की टीम को अवैध निर्माण रोकने के आदेश दिए। वीसी के आदेशों के क्रम में लगातार सीलिंग की कार्रवाई गतिमान है। आंकड़ों की बात करें तो हरिद्वार जनपद में 351 अवैध निर्माण सील किए जा चुके है। जिसमें बहादराबाद के 180, ज्वालापुर के 41, कनखल के 34, हरिद्वार के 7, मायापुर के 8, भूपतावाला के 4, सप्तसरोवर के 1, रूड़की 66 और भगवानपुर के 10 अवैध निर्माण को सील किया जा चुका है। हालांकि यह आंकड़े कुछ दिन पूर्व के है। एचआरडीए के वीसी अंशुल सिंह की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड पर कार्य करते हुए अवैध निर्माण पर लगातार कार्रवाई कर रही है।



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