योगेश शर्मा.
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सरलीकरण और सुशासन की मुहिम को धरातल पऱ उतारने में लगे हैं. इसी के चलते हैं राशन वितरण में धांधली के प्रकरण को गंभीरता से लिया हैं. हरिद्वार जनपद में मुर्दे राशन खा रहे हैं और लोग भूखे हैं कुछ ऐसा ही मामला सूचना के अधिकार अधिनियम में खुलासा हुआ है. मुर्तजा पुत्र मोनस ग्राम रतनपुर तहसील में ब्लॉक रोड की जिला हरिद्वार ने सूचना के अधिकार अधिनियम कहता है राशन वितरण में धांधली की शिकायत की थी. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जब आवेदन किया तो राशन वितरण में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ.
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने लोक सूचना अधिकारी पूर्ति निरीक्षक ब्लॉक रुड़की, लोक सूचना अधिकारी क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ब्लॉक रुड़की, जिला पूर्ति अधिकारी हरिद्वार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अपीलकर्ता ने बताया कि राशन डीलर द्वारा मृत्यु के नाम पर राशन वितरण किया जा रहा है जिसके क्रम में अपीलकर्ता ने मूल अनुरोध पत्र के माध्यम से सूचना मांगी गई है. जिला पूर्ति अधिकारी ने उचित सूचना उपलब्ध नहीं कराई और ना ही राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई की. राशन डीलर ने अभिलेख गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कर दी. राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने जब तमाम अभिलेखों का अवलोकन किया तो पता चला कि जिला पूर्ति अधिकारी हरिद्वार की रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है. जिला पूर्ति अधिकारी ने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी रुड़की से कराई गई जांच के संबंध में प्रस्तुत जाँच आख्या का परीक्षण कर पत्रावली का भाग बनाया.
जबकि प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाना था कि मृतकों के नाम पर राशन वितरित किया जा रहा है अथवा नहीं यदि मृतकों के नाम पर राशन वितरित हो रहा है तो कौन राशन प्राप्त कर रहा है जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद 16 राशन कार्ड की जांच की गई. जांच रिपोर्ट में स्पष्ट है कि 16 मृतकों के नाम पर राशन वितरित किया गया. जांच अधिकारी द्वारा समस्त राशन कार्डों पर मृतक के नाम पर राशन वितरित होने की पुष्टि होने के उपरांत आश्चर्य जनक रूप से निष्कर्ष में उल्लेखित किया गया है की परिवारजनों द्वारा उनके परिवार के सदस्यों की मृत्यु होने के बाद भी उनका नाम राशन कार्ड से खत्म नहीं कराया गया है तथा परिवार जनों द्वारा उनके यूनिट का खाद्यान्न भी लिया जा रहा है. शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत में उल्लेखित 16 राशन कार्ड धारकों में से कुल 9 राशन कार्ड धारक द्वारा निर्मित उपरोक्त कारण बताओ नोटिस के प्रति अपने स्तर से तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी को तमिल करना सुनिश्चित करें. शिकायतकर्ता का कहना है कि वह राशन वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए अपील में आयोग आए है.