हरिद्वार में 10वीं कक्षा में फर्स्ट डिवीजन देने के नाम पर मुख्य शिक्षाधिकारी से मांगे दस हजार





गगन नामदेव
कोरोना संक्रमण में 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों में प्रथम और​ द्वितीय श्रेणी देने के नाम पर अवैध वसूली का खेल शुरू हो गया है। ऐसे ही एक निजी स्कूल की ​शिकायत मिलने पर मुख्य शि​क्षाधिकारी डॉ आनंद भारद्वाज ने छापा मारा। अभिभावक बनकर स्कूल पहुंचे मुख्य शिक्षाधिकारी से स्कूल के एक व्यक्ति ने 10वीं में फर्स्ट डिवीजन देने के नाम पर 10 हजार की मांग कर दी। जिसके बाद स्कूल के तमाम जरूरी दस्तावेजों को सील ​कर दिया गया है। स्कूल के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
बताते चले कि कक्षा 10वीं के परीक्षा परीक्षा फल के बारे में सरकार की ओर से कोई निर्णय नही हुआ है। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षाएं निरस्त की गई है। लेकिन प्राइवेट स्कूलों संचालकों ने बच्चों को पास कराने के नाम पर वसूली प्रारंभ कर दी है। मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ आनंद भारद्वाज ने बताया कि विद्या देवी मेमोरियल इंटर कॉलेज कटारपुर मैं पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों ने एक शिकायत प्रेषित की। भेजी गई शिकायत में बताया ​गया कि 10वीं में पास कराने और फर्स्ट डिवीजन के लिए 10000, सेकंड डिवीजन के लिए 5000 की वसूली School द्वारा की जा रही है। शिकायत पर छह सदस्यीय जांच दल का गठन कर उक्त विद्यालय में आज सवेरे 8:00 बजे छापा मारा गया। जांच दल का नेतृत्व मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ आनंद भारद्वाज ने किया। जबकि भीकम सिंह प्रधान आचार्य राजकीय इंटर कॉलेज सिकरोड़ा, राम मिलन प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की, चौधरी बालेश सिंह खेल समन्वयक, संदीप शर्मा प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज कुंजा बहादुरपुर और नवनीत शर्मा प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज सिकरोड़ा शामिल रहे। उक्त टीम ने नकली अभिभावक बनकर कर स्कूल के सामने प्रस्तुत किया और कहा कि अपने बच्चे की फीस जमा कराना चाहते हैं। कक्षा 10वीं में उसके अच्छे नंबर आने चाहिए, स्कूल की ओर से उपस्थित एक व्यक्ति ने उनसे 10000 की मांग की।

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अपना असली परिचय बताते हुए विद्यालय के समस्त अभिलेखों की जांच की। जिंदल ने कक्षा 10 के उपस्थिति पंजिकाएं, शुल्क पंजिकाए एवं अन्य संबंधित दस्तावेज को सील कर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिए लेकर आए अभिलेखों का परीक्षण गतिमान है। जांच पूरी होने के बाद कोई उचित कार्यवाही की जाएगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज की इस कार्रवाई के बाद प्राइवेट स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।



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