सोनी चौहान
हरिद्वार के कनखल की शुभांगी गुप्ता ने पहली बार में जज की परीक्षा को पास करके हरिद्वार और अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। शुभांगी गुप्ता बचपन से ही जज बनना चाहती थी। और उन्होंने अपना सपना सच कर दिखाया। शुभांगी की दिन रात की कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लगाई। शुभांगी गुप्ता ने जज की कुर्सी को अपनी मेहनत से हासिल किया।
शुभांगी गुप्ता ने पहले ही प्रयास में जज की परीक्षा में सफल हो कर अपने पिता के सपने को सच कर दिखाया। शुभांगी गुप्ता के पिता उसके आदर्श है। शुभांगी की प्रारंभिक शिक्षा डीपीएस रानीपुर से हुई है। उन्होंने डीपीएस से 2010 में हाईस्कूल और 2012 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। लॉ कॉलेज देहरादून से 2017 में शुभांगी ने पांच वर्षीय बीए एलएलबी इंटीग्रेटेड कोर्स किया था। उसके बाद कुछ समय घर में रहकर की तैयारी की। दिल्ली के एक कोचिंग में उन्होंने डेढ़ साल तक तैयारी की। 2018 में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से निकली पीसीएस जे भर्ती के लिए आवेदन किया। मई 2019 में प्री और सितंबर में मुख्य परीक्षा में सफलता के बाद 17 दिसंबर को आयोग परिसर में हुए साक्षात्कार में शामिल हुई।
शुभांगी ने कहा कि मंजिल कोई भी मुश्किल नहीं होती हैं। बशर्ते उसे पाने की शिद्दत और लगन होनी चाहिए। उन्होंने कहा हम किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो हमें अपना पूरा फोकस तैयारी पर करना चाहिये। परीक्षा से पहले ली जाने वाली कोचिंग के साथ वकालत की पढ़ाई को भी बारीकी से पढ़ना चाहिये। शुभांगी गुप्ता ने कहा कि अब जज की कुर्सी पर बैठकर वे किसी के साथ न तो अन्याय होने दें और न ही अन्याय करेंगीं।
शुभांगी के पिता नीरज गुप्ता रोशनाबाद जिला न्यायालय में सहायक शासकीय अधिवक्ता(अपराध) हैं। तीन बहनों में सबसे बड़ी शुभांगी पिता के साथ ही पूरे परिवार की लाडली हैं। उनकी दो छोटी बहनें हर्षिता लखनऊ विवि से एमए अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही हैं। जबकि रशिता चंडीगढ़ में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं।
शुभांगी की मां प्रीति गुप्ता हाउस वाईफ हैं। शुभांगी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और पूरे परिवार को दिया है।
शुभांगी ने कहा कि बेटियों को कभी कम नहीं समझना चाहिए। बेटा या बेटी सबको समान भाव से पढ़ाना चाहिए। शुभांगी की सफलता पर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश जैन आदि ने खुशी जताते हुए उनको शुभकामनाएं दी।