नवीन चौहान.
मां जज, पिता कमिश्नर और बच्चे ऑटो में। जी हां ये सच है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का अंदाज बिलकुल निराला है। वह हमेशा सादगी के साथ आम जनता के बीच घुलमिल जाते हैं। वह सीनियर आईएएस होने के बावजूद सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं करते।
छोटे बच्चों को छुक छुक गाड़ी अर्थात रेलगाड़ी को देखना हवाई जहाज को उड़ते देखने मैं अलग ही आनंद आता है. लेकिन ऑटो की सवारी भी कम रोमांच की नहीं होती. बच्चों का दिल जिस चीज के लिए मचल उठे तो पिता को उनकी जिद को पूरा करना ही होता है. ऐसे ही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को अपने बच्चों को ऑटो की सवारी कराने के लिए निकलना पड़ा.
आईएएस दीपक रावत की अपने बच्चों को ऑटो की सवारी कराने की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दीपक रावत कुमाऊं कमिश्नर हैं, उनकी पत्नी जज है। बच्चों को इस प्रकार व्यवहारिक जीवन से रुबरु कराने के लिए वह आटो में सवार हो गए।
दीपक रावत जब हरिद्वार के जिलाधिकारी रहे तब भी उन्होंने अपनी कार्यशैली से जनता पर अमिट छाप छोड़ी। कुंभ के दौरान भी उन्होंने बेहतरीन कार्य कराए। अपने व्यवहार कुशलता की वजह से वह जहां भी जाते हैं वहां के लोगों के दिलों पर राज कर लेते हैं।