कुंभ महापर्व—2021: मेलाधिकारी दीपक रावत की अग्नि परीक्षा




नवीन चौहान
कुंभ—2021 को अलौकिक, भव्य और दिव्य बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ मेला प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक रखी है। कुंभ के लिए गंगा घाट, हाईवे, संपर्क मार्गों के पुल, अखाड़ों के लिए छावनी, कोविड—19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पताल एवं अन्य व्यवस्थाएं स्थापित करना चुनौती से कम नहीं है। सबसे बड़ी बात हरिद्वार के कुंभ को इलाहाबाद जैसी व्यवस्थाओं के बीच कराना है। अब कम समय होने और ज्यादा काम के बीच मेलाधिकारी दीपक रावत की चुनौती बरकरार है।
कुंभ—2021 के शुभारंभ होने के चंद दिन शेष रह गए हैं। करीब दो महीने का समय के बाद कुंभ का आगाज जनवरी महीने में हो जाएगा। कुंभ संपन्न कराने के लिए गंगा के किनारे पर घाटों का निर्माण चल रहा है। घाटों में दक्ष मंदिर के सामने, बैरागी कैंप में, खन्नानगर, गोविंदपुरी, शंकराचार्य चौक के पास, श्यामपुर कांगड़ी तक छोटे—बड़े 14 घाट बन रहे हैं।
संपर्क मार्गों पर बन रहे पुल
गंगा में जाने के लिए संपर्क मार्गों पर पुल बनाने के काम तेज गति से चल रहे हैं। जिसमें कनखल में श्रीयंत्र मंदिर के सामने, बैरागी को जोड़ने के लिए कनखल में बन रहा है। इसी के साथ बैरागी कैंप में पास दो नलकूप भी बनाए रहे हैं। हालांकि अन्य कई कार्य कोरोना के चलते हुए स्थगित कर दिया गया।
संक्रमण रोकने की रहेगी सबसे बड़ी चुनौती
इस बार आयोजनों में बड़ी चुनौती कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने है। इसके लिए मेला क्षेत्र में 20 अस्पताल 20—20 बेड के साथ एक 50 बेड का अस्पताल बनाना है। इसके साथ जगजीतपुर में नगर निगम की भूमि पर 1000 बेड का कोविड अस्पताल बनाना है।
दोनों हाईवे बनेंगे सबसे बड़ी चुनौती
मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी बाधा दिल्ली हरिद्वार और नजीबाबाद हाईवे का अधूरा निर्माण है। दोनों हाईवे का काम गतिमान हैं, लेकिन जिस तरह से निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है, उससे लग रहा है कि अभी 6 महीने का समय लग जाएगा। इन हाईवे से ही जनता हरिद्वार के पदार्पण करेगी। ऐसे में अधूरे हाईवे से जनता को गंगा के तमाम घाटों के साथ हरकी पैड़ी तक पहुंचाना और फिर वापसी कराना चुनौती होगा। क्योंकि आम दिनों में भी हाईवे से गुजरना मुश्किल भरा साबित हो रहा है।
मेला प्रशासन ने निर्माण कार्य दिसंबर महीने तक पूरे हो जाए, इसके लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। कुंभ के लिए अखाड़ों के साथ प्रमुख आश्रमों के लिए छावनी भी बनानी है।
यह हैं कुंभ स्नान की तिथि
शाही स्नान की तिथियां
पहला शाही स्नान : 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर।
दूसरा शाही स्नान : 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर।
तीसरा शाही स्नान : 14 अप्रैल को बैसाखी मेष पूर्णिमा पर।
चौथा शाही स्नान : 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर।
————————
यह होंगे पर्व स्नान
14 जनवरी मकर संक्रांति पर
11 फरवरी मौनी अमावस्या पर
13 फरवरी वसंत पंचमी पर
27 फरवरी माघ पूर्णिमा पर
13 अप्रैल नव संवत्सर पर
———————————
वर्जन
कुंभ—2021 को दिव्य व भव्य बनाने के लिए नए स्थाई काम तेजी से चल रहे हैं। दिसंबर तक सभी कार्य पूरे कराने के लिए तिथि निश्चित की हुई है। कुछ कार्यों में देरी कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन से हुई है। अब अधिकांश कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुके है। कुंभ शुभारंभ होने तक सभी अव्यवस्थाएं दूर कर ली जाएगी। कुंभ अलौकिक होगा।
दीपक रावत, मेलाधिकारी



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *