नवीन चौहान
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद ही खतरनाक रही। कोरोना ने सैंकड़ों लोगों की जिंदगी को लील लिया। सरकारी और निजी चिकित्सीय व्यवस्थाएं कम पड़ गई। कोरोना संक्रमित मरीज आक्सीजन के लिए तड़पते दिखाई दिए। राज्य सरकार के आदेश के बाद जनपदों में लॉकडाउन लगाया गया। करीब एक महीने के लॉकडाउन के बाद अब हालात सुधरने लगे है। लेकिन जनता की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। प्रदेश के व्यापारिक संगठनों ने एक जून से बाजार को खोलने की मांग की हुई है। ऐसे में सरकार व्यापारियों के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए लॉकडाउन में बाजारों में छूट देने पर विचार कर सकती है। अनलॉक की स्थिति को लेकर भी जिलाधिकारियों से फीड बैक लिया जा रहा है।
बताते चले कि 29 मई को पूरे प्रदेश में 1687 कोरोना संक्रमित मरीज मिले। लगभग 45 दिनों बाद सबसे कम कोरोना संक्रमण के मामले थे। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देहरादून और हरिद्वार में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार मामले आ रहे थे। यानि डेढ़ महीने में सबसे मामले देखने को मिले। प्रशासन की सख्ती और जनता के धैर्य के कारण ही कोरोना के वायरस से पीछा छुड़ाने में सफलता मिल पा रही है। ऐसे में जनता की ओर से भी अब लॉकडाउन में छूट दिए जाने की बात उठने लगी है। हालांकि प्रदेश की तीरथ सिंह रावत की सरकार अनलॉकिंग शुरू करने की बजाय कोरोना कर्फ्यू को एक हफ्ते और बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन बाजारों में कुछ छिटपुट राहत जरूर दी जा सकती है। शासन के सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने में मिल रही कामयाबी से सरकार में संतोष है। प्रदेश सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए ही फैसला करेगी। गरीब जनता की परेशानियों और व्यापारी वर्ग की तकलीफों पर गौर फरमाया जायेगा। कुल मिलाकर प्रदेश सरकार जनता के जीवन को सुरक्षित रखने की दिशा में ही लॉकडाउन या अनलॉक का निर्णय करेगी।