कोठारी महंत मोहनदास को जमीन निगल गई या आसमान, नहीं लगा दो माह बाद भी सुराग, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान

दो माह का समय बीत जाने के बाद भी संदिग्ध परिस्थितियों में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के लापता हुए कोठारी महंत का पुलिस व एसआईटी की टीम कुछ पता नहीं लगा पाई। महंत को जमीन निगल गई या आसमान कुछ पता नहीं चल पा रहाहै। कई स्थानों पर खोज के बाद भी जांच टीम के हाथ आज तक खाली हैं।
विदित हो कि विगत 15 सितम्बर की रात्रि को रेल से हरिद्वार से मुम्बई जाते समय कोठारी महंत मोहनदास महाराज संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। महंत के लापता होने की सूचना मिलने से पुलिस में हडकंप मच गया था। पुलिस जांच में कोई कामयाबी हाथ लगती न देख मामले की जांच एसआईटी व पुलिस को सौंपी गई। इसी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी अपने स्तर से जांच की। महंत की तलाश में जांच टीम ने मेरठ, दिल्ली, भोपाल, नेपाल, मुम्बई, गुजरात आदि स्थानों पर जाकर खोज की, किन्तु महंत का कोई सुराग नहीं लगा। महंत के गायब हो जाने के बाद संत समाज में भी अत्यधिक रोष देखा गया। संतों ने महंत के न मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी, किन्तु समय के साथ संतों का रोष शांत हो गया। सीबीआई जांच के उत्तराखण्ड सरकार के आग्रह को भी संतों ने नकार दिया। हालांकि जांच टीम महंत को शीघ्र खोज लेने का दावा अवश्य कर रही है, किन्तु दो माह पूरे हो जाने के बाद भी संत का न मिलना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।

आंदोलन की चेतावनी के बाद संत क्यों हटे पीछे!
महंत के लापता होने के बाद बड़ा सवाल यह उत्पन्न होता है कि संतों ने महंत की तलाश के लिए कई बार बैठकें की और आंदोलन की रणनीति तैयार की। संतों ने सरकार व पुलिस को कोठारी महंत के न मिलने पर कई बार आंदोलन की चेतावनी भी दी, किन्तु हर बार संतों व अखाड़ा परिषद ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। आखिर क्यों संतों को चेतावनी देने के बाद अपने निर्णय से पीछे हटना पड़ा।

सीबीआई जांच को क्यों ठुकराया
जहां अखाड़ा परिषद ने स्वंय को मामले से धीरे-धीरे पीछे कर लिया वहीं अखाड़े के संतों ने भी प्रदेश सरकार के सीबीआई द्वार जांच कराए जाने के आग्रह को ठुकरा दिया। ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, स्वंय मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीबीआई जांच कराने की पेशकश अखाड़े के संतों के समक्ष रखी, किन्तु हर बार संतों ने पुलिस व एसआईटी की जांच पर भरोसा जताते हुए सीबीआई जांच न कराने की बात कही। सवाल उत्पन्न होता है कि आखिर क्यों अखाड़े के संत सीबीआई जांच से पीछे हट रहे हैं।

अखाड़े के संतों से पुलिस क्यों नही कर रही जांच
कोठारी महंत मोहन दास महाराज के लापता होने के बाद पुलिस व एसआईटी ने कई बिन्दुओं पर जांच की। कई लोगों से पूछताछ भी की गई, मगर जांच टीम का आज तक अखाड़े के संतों से पूछताछ न करना भी कई सवालों को जन्म देता है। जिस प्रकार हरियाणा के रेयान स्कूल में बच्चे की मौत से सीबीआई ने पर्दा उठाया यदि उसी प्रकार महंत की गुमशुदगी की जांच भी सीबीआई को सौंप दी जाती तो हो सकता है कि महंत का पता लग सकता था।

कहीं अखाड़े के संत तो साजिश के पीछे नहीं
जिस प्रकार अखाड़े के संतों ने सीबीआई जांच से इंकार किया और संत समाज ने भी मामले से पल्ला झाड़ लिया, इन सबको देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं महंत की गुमशुदगी के तार अखाड़े से ही तो नहीं जुड़े हैं।
कुछ भी हो कोठारी महंत मोहनदास की गुमशुदगी पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी है। चर्चा है कि यदि कोठारी महंत मोहनदास का पुलिस पता लगा लेती है तो कई चौंकाने वाले राज सामने आ सकते हैं।



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