राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल ने परिवार के साथ किए गंगा दर्शन




नवीन चौहान
विजयादशमी के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाज ने सुबह को मां गंगा का दर्शन किए। उन्होंने परमार्थ प्रांगण में स्थित विशाल पीपल, वटवृक्ष और पाकड़ के विशाल पेड़ों के निहारते हुए प्रकृति रक्षा का संदेश देते हुए कहा कि पेड़ पौधों की रक्षा के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि परमार्थ गुरूकुल आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ पर्यावरण संरक्षण के विषय में भी उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। अजीत डोभाल ने कहा कि मेरा परमार्थ का प्रवास आनन्द और ऊर्जा से युक्त रहा। यहां पर स्थित अति प्राचीन पीपल, वट और पाकड़ के विशाल वृक्ष पंचवटी की याद दिलाते है। ये विशाल वृक्ष ही मुझे तो तपस्पी लगते हैं, मानो सदियों से यहां तपस्यारत हों, इन वृक्षों की सघन छांव में बैठकर यज्ञ और प्रार्थना करना वास्वत में एक सुखद और अलौकिक अनुभव का एहसास कराता है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष ने कहा कि दशहरा पर्व को विजयादशमी या आयुध-पूजा आदि विभिन्न नामों ने जाना जाना जाता है परन्तु संदेश एक ही है सत्य की असत्य पर विजय। उन्होंने कहा कि हम प्रतिवर्ष दशहरा के अवसर पर दस सिर वाले रावण का दहन करते है, उससे हमें एक शिक्षा अवश्य लेनी चाहिए कि रावण के जो दस सिर थे वे मनुष्य के अंदर विद्यमान अवगुणों के ही प्रतीक हैं। मनुष्य के अंदर भी कई बार काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और झूठ जैसे अवगुणों का समावेश हो जाता है जो हमारे स्वभाव का अंग होते है परन्तु कई बार हम जान नहीं पाते या पहचान नहीं पाते। दशहरा पर्व हमें उन अवगुणों का परित्याग करने की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। आईये संकल्प लें कि हम बदला नहीं बल्कि बदलाव की ओर बढ़ेगे। कोरोना माहमारी में सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें। बचाव में ही बचाव है। इसका ध्यान रखें तथा नियमों का पालन करें।



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