नवीन चौहान
एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने जनपद पुलिस के चेतक कांस्टेबल के हाथों में डंडा थमा दिया है। कांस्टेबल गश्त करने के दौरान हाथों में डंडा लेकर निकलेंगे। जबकि उप निरीक्षक रैंक के पुलिस अधिकारियों को पिस्टल और रिवाल्वर दी जायेगी। एसएसपी ने जनपद के सभी कोतवाली और थानों प्रभारियों को इस आदेश का पालन कराने को कहा गया हैं।
एसएसपी जन्मेजय खंडूरी सोमवार 28 जनवरी को रानीपुर कोतवाली का निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान एसएसपी ने पाया कि कोतवाली में पिस्टल और रिवाल्वर नहीं है। जब कोतवाली प्रभारी से पिस्टल के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि वो रात्रि गश्त करने वाले चेतक पुलिस के कांस्टेबलों को दी गई है। जबकि उप निरीक्षकों के पास पिस्टल नहीं है। एसएसपी ने जब कोतवाली पुलिस को ये बात बताई कि कांस्टेबल को तो पिस्टल चलाने की टैªनिंग ही नहीं दी जाती तो ये किसलिए दी गई है। एसएसपी के इस सवाल पर कोतवाली पुलिस बगले झांकने लगी। एसएसपी ने इस व्यवस्था को दुरस्त करने के चलते शाम को आदेश जारी किया। एसएसपी ने अपने आदेश में बताया कि पता चला है कि चेतक मोबाइल पर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा रिवाल्वर और पिस्टल के साथ डयूटी की जा रही है। बिना प्रशिक्षण के कर्मचारियों को पिस्टल और रिवाल्वर देना आपत्तिजनक है। उन्होंने निर्देशित किया कि चेतक मोबाइल कर्मचारी दिन में डंडे के साथ डयूटी करेंगे। रात्रि में 303 रायफल्स के साथ नियुक्त किया जाए। रायफल्स के साथ दो कर्मचारी ही डयूटी करने निकलेंगे। एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि कांस्टेबल सुरक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए निकलते है। उनको रिवाल्वर और पिस्टल चलाने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। इसीलिए व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है।