जोगेंद्र मावी
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी ने कहा कि आयुर्वेद की उपचार पद्धति से हर असाध्य बीमारी का इलाज संभव हुआ है। आज एलोपैथ के डाॅक्टर अपना वजूद बचाने के लिए आयुर्वेद को पीछे धकेलने का असंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह कदापि बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
शनिवार को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर हरिद्वार के महामना मदन मोहन मालवीय प्रेक्षागृह में प्रथम बार शास्त्रीय वेदोक्त विधि से विश्वविद्यालय के दोनों परिसर (ऋषिकुल, गुरुकुल) के स्नातकोत्तर बैच 2019-20 का शिष्य उपनयन संस्कार में दीक्षा प्रदान कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से कोरोना वारियर और ऋषिकुल परिसर के उत्कृष्ट कर्मचारियों को भी प्रमाणपत्र और मोमेंटो के साथ सम्मानित किया गया। जिसमें प्रो सुनील जोशी ने आयुर्वेद के छात्रों को मेहनत से मरीजों का उपचार करने को आग्रह किया। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार जोशी, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रूप किशोर शास्त्री, स्वामी नित्यानन्द सरस्वती महाराज, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो प्रेमचन्द्र शास्त्री, ऋषिकुल परिसर निदेशक प्रो डॉ अनूप कुमार गक्खड़, परिसर निदेशक गुरुकुल प्रो अरुण कुमार त्रिपाठी, पूर्व निदेशक डॉ चमोली ने नव आगंतुक विद्यार्थियों को अशीर्वाचन दे भविष्य के लिए शुभकामनायें दी। कार्यक्रम के संचालन के रूप में प्रो नरेश चैधरी ने, और मुख्य संयोजक के रूप प्रो अजय कुमार गुप्ता ने मुख्य योगदान दिया। कार्यक्रम के अंत में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो सुरेश चैबे ने उपस्थित मंचासीन पदाधिकारियों, तीनांे परिसर से आए शिक्षकों, अतिथियों, छात्र -छात्राओं, कर्मचारीचारियों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर प्रो एसपी वशिष्ठ, प्रो ओपी सिंह, प्रो केके शर्मा, प्रो खेमचंद, डॉ शोभित वाष्र्णेय, डॉ विशाल वर्मा, डॉ सौरमी, डॉ सविता आदि शामिल हुए।
शिष्य उपनयन संस्कार कार्यक्रम में प्रो सुनील जोशी ने आयुर्वेद से असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए शोध पर दिया जोर
कोरोना से बचाव को आयुर्वेद क्वाथ देकर स्वास्थ्य के प्रति किया सचेत
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